सिटी पोस्ट लाइव : रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में आखिरकार आरजेडी नेता और बिहार के डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव सीबीआई के लपेटे में आ ही गये.सीबीआई ने पुरे लालू कुनबा के खिलाफ कोर्ट में आरोप पात्र दायर कर दिया है.गौरतलब है कि नीतीश कुमार के विपक्षी दलों के प्रस्तावित गठबंधन का संयोजक बनते ही तेजस्वी के मुख्यमंत्री बन जाने की अटकलें लगाईं जा रही थी लेकिन उसके पहले सीबीआई ने उन्हें अपने लपेटे में ले लिया है.अब लालू परिवार में उनकी पत्नी राजश्री के अलावा फिलहाल कोई ऐसा नहीं दिखता, जो बेदाग हो.
लालू यादव पर आरोप है कि 2009 में जब वो रेल मंत्री थे उन्होंने कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी दी और उसके बदले उनसे अपने लोगों के नाम जमीन और दूसरी प्रापर्टी अपने परिवार के नाम करवा ली.इस घोटाले के पैसे से ही तेजस्वी यादव के नाम से दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में आलीशान एक बंगला खरीदा गया. सीबीआई और ईडी की जांच में यह पता चला कि रेलवे में घोटाले से अर्जित धन से बंगला खरीदा गया है. चार मंजिला इस बंगले का रजिस्ट्रेशन मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पाया गया है. यह कंपनी तेजस्वी यादव के नाम है. कागज में इस बंगले की कीमत सिर्फ चार लाख रुपये दिखाई गई है, जबकि इसकी वास्तविक कीमत करीब 150 करोड़ रुपये है. यह बंगला दिल्ली में तेजस्वी यादव का अभी आवास है.
इस मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दायर हो चुकी है. पूरक चार्जशीट में सीबीआई ने तेजस्वी यादव समेत कई और लोगों को भी अभियुक्त बनाया है. यह भ्रष्टाचार का मामला है, इसलिए तेजस्वी यादव की गिरफ्तारी से इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसा हुआ तो सीएम बनने के उनके सपने पर पानी फिर सकता है. सुशील मोदी मानते हैं कि आज जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह लालू परिवार के खैरख्वाह बने हुए हैं, लेकिन यह सब उन्हीं का किया-धरा है. उन्होंने ही प्रधानमंत्री कार्यालय को इस मामले के सारे कागजात उपलब्ध कराए थे.
सीबीआई ने पहली चार्जशीट अक्टूबर 2022 में फाइल की थी. पहली चार्जशीट में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत रेलवे के अधिकारियों और दूसरे लोगों के नाम थे. चार्जशीट दाखिल करते समय सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि मामले की जांच अभी जारी है. इसी आधार पर तेजस्वी ने कहा था कि उन्हें आशंका है की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में सीबीआई उनका नाम भी जोड़ सकती है.उनकी आशंका सही साबित हुई.
लालू यादव का परिवार तो सीबीआई-ईडी और आईटी का सामना तब से कर रहा है, जब चारा घोटाले में लालू की गिरफ्तारी हुई थी. केंद्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर दूसरे राज्यों के भी कई नेता हैं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी के दो नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन तो भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई जांच के बाद अब भी जेल में हैं. तेलंगाना के सीएम केसी राव की बेटी के खिलाफ भी केंद्रीय एजेंसियों की जांच चल रही है. पश्चिम बंगाल में तो भ्रष्टाचार के आरोपी सत्ताधारी दल के कई नेता जेल जा चुके हैं. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी से भी सीबीआई और ईडी की अक्सर पूछताछ होती रहती है.