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‘लालू यादव ने किया था तरेत को उजाड़ने का प्रयास’.

:महंत सुदर्शनाचार्य बोले- अब उनके बेटे धीरेंद्र शास्त्री का कर रहे विरोध, जानें क्या था मामला

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सिटी पोस्ट लाइव :बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री की बिहार में होनेवाली हनुमत कथा को लेकर सियासत जारी है.धीरेन्द्र  शास्त्री 12 मई  को पटना आ रहे हैं. 13 से लेकर 17 मई तक उनका चार दिवसीय कार्यक्रम तरेत के पाली मठ  में होना है. उनके आगमन को लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप उनका विरोध कर रहे हैं.बुधवार को मठ के महंत सुदर्शनाचार्य ने लालू प्रसाद यादव पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने  लालू यादव पर तरेत मठ को उजाड़ने का प्रयास करने का आरोप लगा दिया है.

तारेत पाली मठ के महंत सुदर्शनाचार्य ने  कहा कि रामकृपाल यादव और श्याम रजक ने उनको बरगला दिया था कि तरेत मठ से भूमिहार जाति के लोगों की राजनीति चलती है. आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री रहने के दौरान पटना की डीएम राजबाला वर्मा को यह आदेश दिया था कि तरेत मठ के 66 एकड़ जमीन को गरीबों के बीच बांट दी जाए.सुदर्शनाचार्य ने कहा कि लालू प्रसाद से पहले भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी इस मठ को उखाड़ने का प्रयास किया था. तब मटके महंत से जबरन रजिस्ट्री कराने का निर्देश भी दिया था इसके बावजूद मामला न्यायालय में जाने के बाद इंदिरा गांधी भी धराशाई हो गई थी. यही कारण है कि अब लालू यादव के बेटे भी इसका विरोध कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जब  मठ की जमीन हड़पने की कोशिश हुई तो मठ के महंत ने न्यायालय की शरण ली. उनके निर्देश के बाद मठ की जमीन को सुरक्षित बचाया गया. ग्रामीणों का मानना है कि यह मठ ब्रिटिश काल 1907 ईसवी में राघवेंद्र सरकार ने स्थापित की थी। आज पूरे भारतवर्ष में 156 मठ की स्थापना हो चुकी है, जिसका मुख्यालय पटना के तरेत गांव का राघवेंद्र सरकार मठ है. पूरे भारतवर्ष में राघवेंद्र सरकार के मटकी कुल जमीन 317 एकड़ है.

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