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लालू यादव उम्मीद बन कर आए:IPS मंजरी जरुहार.

'अंखफोड़वा कांड की जांच काफी टफ', बिहार की पहली महिला आईपीएस बोली

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के भागलपुर अंखफोड़वा कांड की जांच कर रही आईपीएस मंजरी ने कहा- भागलपुर ब्लाइंडिंग मामले में उन्हें यह जांच करनी थी कि किसने ब्लाइंडिंग किया. चूंकि यह आरोप पुलिस वालों पर ही लगे थे, ऐसे में अपने लोगों की जांच का काम बहुत टफ था. अपने ही फोर्स के खिलाफ लिखना और उन्हें आरोपित बनाना, यह काफी टफ था. लेकिन हमने जो सही था, वही लिखा, क्योंकि जो कांड था, वो बहुत खराब था, बहुत घिनौना था.

बिहार में अंखफोड़वा कांड को अक्टूबर 1979 से जुलाई 1980 के बीच भागलपुर पुलिस ने ही अंजाम दिया था. पुलिस ने साइकल के स्पोक, नाखून काटने में इस्तेमाल होने वाले नाई के धारदार औजार और जूट के बोरे सिलने वाली मोटी सुई टकुआ से 33 अंडर ट्रायल अपराधियों की आंखों को फोड़ डाला. इतना ही नहीं उसके बाद आंखों में सिरिंज से एसिड डाला। कई मामलों में पुलिस वालों ने एसिड डालना तब तक जारी रखा, जब तक अपराधी पूरी तरह से अंधे नहीं हो गए. इसी एसिड कांड को कहा गया ‘गंगाजल. बाद में इस पर फिल्म भी बनी.

बिहार की पहली महिला आईपीएस अधिकारी रहीं मंजरी जरुहार ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में पुलिस अधिकारी के रूप में काम करने के संबंध में अपना अनुभव सामने रखते हुए   कहा  कि लालू प्रसाद यादव मसीहा बनकर आए. उनसे लोगों को काफी उम्मीद थी.लालू प्रसाद महिलाओं का काफी सम्मान करते थे, उनके कार्यकाल में उन्हें कोई कठिनाई नहीं हुई.

बिहार की पहली महिला आईपीएस अधिकारी रहीं मंजरी जरुहार ने युवाओं को सलाह दी कि वे पहले अपने को सशक्त करें, तभी वे आगे बढ़ पाएंगे. उन्होंने कहा कि यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि महिला हैं, तो काम नहीं कर पाएंगी. काम सीखना चाहिए, रूल्स-रेगुलेशन जानेंगे, तभी कनीय अधिकारी भी उनका सम्मान करेंगे.

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