City Post Live
NEWS 24x7

के.के. पाठक के आदेश का असर, BJP के मार्च में शामिल नहीं हुए शिक्षक.

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : शिक्षा विभाग के अपर प्रमुख सचिव के.के. पाठक की चेतावनी का असर शिक्षा विभाग में दिखने लगा है. अब सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति अचानक बढ़ गई है. जो शिक्षक सप्ताह में दो दिन गैर-हाजिर रहते थे , अब वो भी नियमितरुप से स्कूल आने लगे हैं.लोगों के अनुसार शिक्षक शुक्रवार को ही स्कूल से भाग जाते थे और सोमवार को दोपहर तक आते थे.लेकिन अब वो नियमितरुप से आने लगे हैं.शिक्षक अभ्यर्थियों और नियोजित शिक्षकों की मांग को लेकर बीजेपी के आज के विधान सभा मार्च  में भी शिक्षक बहुत कम दिखे. इस प्रदर्शन में शिक्षक संघ ने भी शामिल होने का ऐलान किया था.लेकिन उसके  बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने आदेश जारी कर 13 जुलाई को स्कूलों में शिक्षकों उपस्थिति अनिवार्य कर दिया. के के पाठक के इस आदेश की वजह से मार्च में शिक्षक नहीं दिखे.

 

के.के. पाठक के इस आदेश पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने इसे तुगलकी फरमान बताया है.उन्होंने कहा है कि बिहार में मोहम्मद बिन तुगलक की सरकार है.एक तरफ सीएम शिक्षकों से संवाद करना चाहते हैं तो दूसरी तरफ अधिकारियों से फरमान जारी करवाते हैं. निखिल आनंद ने कहा है कि बिहार सरकार के आदेश से यह प्रतीत होता है कि सरकार ने शिक्षकों को बंधुआ मजदूर समझ रखा है. निखिल आनंद ने कहा है कि बिहार की जनता आगे आकर छात्रों- युवाओं-शिक्षकों का साथ दें.

 

दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 12 जुलाई को एक आदेश जारी किया. सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी करते हुए कहा कि 13 जुलाई को स्कूलों में शिक्षकों की सौ फ़ीसदी उपस्थित होना अत्यावश्यक है. 13 जुलाई को यदि कोई भी शिक्षक अनुपस्थित होते हैं तो उन्हें सस्पेंड तक किया जा सकता है.

-sponsored-

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.