सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब 2024 के रण को लेकर देशभर में बीजेपी विरोधी विपक्षी दलों को एकजुट कर रहे हैं वहीं बिहार में महागठबंधन के साथ नजर आ रहे दल ही दूर होते दिख रहे हैं. गौरतलब है कि पार्टी के कई पूर्व सांसद और नेता पार्टी छोड़ बीजेपी के साथ जा चुके हैं. उपेन्द्र कुशवाहा और आरसीपी सिंह बीजेपी के हो चुके हैं.राज्य सभा सांसद हरिवंश सिंह भी JDU से नाता तोड़ बीजेपी से रिश्ता जोड़ चुके हैं.
चर्चा ये भी है कि HAM मुखिया जीतनराम मांझी भी महागठबंधन छोड़ सकते हैं.मांझी अपने बेटे से एक मंत्रालय छीन जाने को लेकर नाराजगी बारबार जाता रहे हैं.पिछले दिनों वो अमित शाह से भी मिल चुके हैं.अमित शाह से मिलने के बाद से उनके तेवर नीतीश सरकार को लेकर बहुत तल्ख़ हो गये हैं.खबर है कि उन्हें मनाने के लिए जेडीयू ने विजय चौधरी को लगाया था लेकिन बात नहीं बनी.उनको मनाने के लिए ही तेजस्वी यादव ने सभी सहयोगी दलों की बैठक की और जल्द ही कोआर्डिनेशन कमिटी बनाने की जीतन राम मांझी की मांग को पूरा करने का आश्वासन भी दे दिया.
लेकिन मांझी को मनाने की तमाम कवायदें नाकाम होती नजर आ रही हैं. मांझी को लेकर अटकलों का दौर तेज है. सूत्रों के अनुसार मांझी की बीजेपी के साथ डील पक्की हो चुकी है.बीजेपी उन्हें राज्यपाल बना सकती है और उनके बेटे संतोष मांझी को लोक सभा चुनाव गया से लड़ा सकती है. इस बीच मुकेश सहनी ने भी बीजेपी के साथ जाने का संकेत दे दिया है.अब ये देखना दिलचस्प होगा कि देश भर में बीजेपी के खिलाफ गोलबंदी में जुटे नीतीश कुमार बिहर में किस हदतक महागठबंधन को बचा कर रख पाते हैं.
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