सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू की कमान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा के हाथ में सौंप दी है.वैसे तो तीन बड़े नेताओं ( मनीष कुमार वर्मा,अशोक चौधरी और श्याम रजक) को राष्ट्रिय महासचिव बनाया गया है लेकिन पार्टी की कमान मनीष कुमार वर्मा के हाथ में दे दी गई है. राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा निर्देश पर बिहार के सभी 38 जिलों में कार्यकर्ता समागम का आयोजन किया जा रहा है. यह समागम 27 सितंबर 2024 को मुजफ्फरपुर जिले से शुरू हुआ है जो 20 जनवरी 2025 को नालंदा जिले में समाप्त होगा. इस कार्यक्रम में हर जगह मनीष कुमार वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हों रहे हैं. चार जिलों, मुजफ्फरपुर, सिवान, जहानाबाद और खगड़िया में यह कार्यक्रम संपन्न भी हो चुका है.
इस कार्यक्रम के तहत मनीष वर्मा 13 अक्टूबर को मोतिहारी पहुंच रहे हैं.यहाँ स्टेशन रोड स्थित एमएस कॉलेज में 14 अक्टूबर को कार्यकर्ता समागम और 15 अक्टूबर को बिहार संवाद कार्यक्रम में मनीष वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. इस कार्यक्रम में पंचायत से लेकर प्रखंड और जिला स्तर के कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल होंगे. संबोधन के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जिले के सभी अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के पदाधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे. साथ ही समता पार्टी के समस्य से जुड़े वरिष्ठ नेताओं को सम्मानित करेंगे.
मनीष वर्मा पार्टी द्वारा तय कार्यक्रम के मुताबिक 2 दिन पूर्वी चंपारण में रहेंगे.इस दौरान वो पार्टी पदाधिकारियों के साथ-साथ जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से आए समाजसेवी और बुद्धिजीवियों के साथ भी संवाद करेंगे. मनीष वर्मा के इस जिला यात्रा के ज़रिये पार्टी के कार्यकर्ता हो या फिर समाजसेवी अपने क्षेत्र से संबंधित शिकायत और सुझाव पार्टी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंचा सकते हैं. मनीष वर्मा 16 अक्टूबर को बगहा, 17 और 18 अक्टूबर को पश्चिमी चंपारण के कार्यकर्ता समागम में शामिल होंगे.
कहने के लिए तो अशोक चौधरी और श्याम रजक भी पार्टी के राष्ट्रिय महासचिव बनाए गये हैं लेकिन इन्हें कोई ख़ास जिम्मेवारी नहीं दी गई है.एक्शन में केवल मनीष कुमार वेरमा नजर आ रहे हैं.पार्टी में चर्चा है कि जो भी महासचिव बनता है, मंत्री के पद पर नहीं रहता.ऐसे में अशोक चौधरी के मंत्री पद से छुट्टी होने की अटकलें लगाईं जा रही हैं.गौरतलब है कि हमेशा मुख्यमंत्री के साथ साये की तरह रहनेवाले अशोक चौधरी आजकल दूर नजर आ रहे हैं.मुख्यमंत्री की बगल की कुर्सी पर उनकी जगह अब विजय चौधरी नज़र आ रहे हैं.ईन तमाम बदलावों को लेकर अशोक चौधरी के बारे में पार्टी के अन्दर तरह तरह की बातें हो रही हैं.कोई कह रहा है कि अपनी बेटी को चिराग पासवान की पार्टी से चुनाव लड़ाकर अशोक चौधरी ने नीतीश कुमार को नाराज कर दिया है तो ये भी चर्चा है कि भूमिहार समाज पर आपतिजनक बयान के बाद उनकी घेराबंदी हो चुकी है.
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