सिटी पोस्ट लाइव : बेलागंज विधानसभा सीट से जेडीयू ने मनोरमा देवी को मैदान में उतारा है. सिटी पोस्ट लाइव ने पहले ही मनोरमा देवी को उम्मीदवार बनाए जाने का खुलासा सबसे पहले किया था. मनोरमा देवी भले एक महिला हैं लेकिन उनकी छवि एक बाहुबली की हैं. ट्रक ड्राइवर हजारा सिंह और ढाबे वाली कबूतरी देवी की बेटी हैं मनोरमा देवी.वो जेल की यात्रा भी कर चुकी हैं. उनके पति बिंदी यादव एक छोटे ठेकेदार थे लेकिन आगे चलकर बहुत दबंग बने.बिंदी यादव अक्सर मनोरमा देवी के ढाबे पर जाते रहते थे. उसी दौरान बिंदी यादव ने मनोरमा से 1989 में देवघर में शादी कर ली. बिंदी यादव की यह दूसरी शादी थी.
मनोरमा यादव से शादी के बाद बिंदी यादव का दिन बदलने लगा. 1990 में बिहार में लालू राज आ गया. बिंदी यादव ने अपनी धाक जमाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते बिंदी यादव और मनोरमा देवी आसमान छूने लगें. बिंदी यादव उस जमाने में गया का आतंक बन गया. जल्दी ही उस इलाके का बड़ा ठेकेदार भी बन गया. पैसों की बरसात होने लगी. इस परिवार का शुरू से ही आरजेडी से जुड़ाव रहा है. लालू प्रसाद यादव उनके आदर्श रहे हैं. 2001 में बिंदी यादव जिला परिषद का अध्यक्ष बना, तो मनोरमा यादव 2001 में मोहनपुर ब्लॉक की प्रमुख बनी. ब्लॉक प्रमुख रहते हुए उन्होंने MLC तक का सफर तय किया. वे जदयू से MLC भी रह चुकी हैं. 2020 में मनोरमा देवी को जदयू से टिकट दिया गया था. लेकिन, उनको हार का सामना करना पड़ा.
बिंदी यादव अपराध और हथियार के बल पर इलाके का दबंग बना. लेकिन मनोरमा देवी जो स्वाभाव से दबंग हैं. बिंदी यादव कभी मनोरमा देवी के सामने बोलने की हिम्मत नहीं दिखा पाते थे .बिंदी यादव की हत्या के बाद भी मनोरमा देवी की राजनीतिक यात्रा नहीं रुकी.वो लगातार राजनीती में आगे बढती रहीं.हाल ही के दिनों में केन्द्रीय जांच एजेंसी NIA ने उनके घर पर छापा मरकर करोड़ों रुपये वरामद किया था.उनके ऊपर नक्सलियों से सम्बन्ध रखने, उन्हें पैसा और हथियार उपलब्ध कराने का आरोप है. फिर भी नीतीश कुमार को उनसे ज्यादा अच्छा उम्मीदवार नहीं दिखा आरजेडी को हारने के लिए.
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