सिटी पोस्ट लाइव : अपने चुनावी भाषण में एकबार भी बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन का नाम हेमंत सोरेन द्वारा नहीं लिए जाने को लेकर झारखण्ड में चर्चा तेज है. सीएम हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा की.सीएम सोरेन और उनकी पत्नी ने महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी इरफान अंसारी के पक्ष में वोट मांगे. इस दौरान दोनों नेताओं ने हिंदू-मुस्लिम, जात, धर्म, भ्रष्टाचार, घुसपैठ जैसे तमाम मुद्दों पर बीजेपी को घेरने का काम किया.हालांकि पूरे संबोधन में एक बार भी हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रत्याशी सीता सोरेन का नाम नहीं लिया.
बीते दिनों आदिवासी और मुस्लिम बहुल इलाका नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र में झामुमो नेत्री कल्पना सोरेन की चुनावी सभा हुई थी. चुनावी सभा में काफी संख्या में अल्पसंख्यक और आदिवासी समाज के लोग उनको सुनने पहुंचे थे. उनके पूरा भाषण बीजेपी और मणिपुर हिंसा पर केंद्रित रहा. उन्होंने महिला अत्याचार पर भी काफी कुछ कहा, लेकिन एक बार भी पूरे चुनावी भाषण में सीता सोरेन का जिक्र तक नहीं किया.रविवार को जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र के दक्षिणबहाल पंचायत क्षेत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गठबंधन के प्रत्याशी इरफान अंसारी के पक्ष में चुनावी सभा की. सीएम को सुनने के लिए आसपास के इलाके के लोग भी वहां पहुंचे हुए थे. उनका पूरा भाषण बीजेपी पर केंद्रित था.पूरे संबोधन में एक बार भी उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन को लेकर कुछ नहीं कहा.
इससे मतदाता के साथ-साथ झामुमो के लोग भी परेशान नजर आ रहे हैं. सबके दिमाग में एक ही बात आ रही है कि आखिर सीएम हेमंत सोरेन और झामुमो नेता कल्पना सोरेन ने सीता सोरेन का नाम क्यों नहीं लिया? वोटर यह समझ नहीं पा रहे हैं कि अंदर खाने में क्या खिचड़ी पक रही है. मतदाताओं और कार्यकर्ताओं में एक सवाल छोड़ गए, जो शहर के चौक चौराहों पर चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने पूरे चुनावी भाषण में कहीं भी सीता सोरेन नहीं आई.लोग इसे अलग नजरिए से जोड़ कर देख रहे हैं. अब ऐसे में मतदाता यह समझ नहीं पा रहे हैं कि उनके नेता कहना क्या चाह रहे हैं.
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