सिटी पोस्ट लाइव :लोक सभा चुनाव में अपने बेटे कांग्रेस प्रत्याशी शनि हजारी के लिए प्राचार करना बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी को महंगा पड़ सकता है. उनके खिलाफ कारवाई का संकेत पार्टी ने दे दिया है. प्रदेश कार्यालय में जेडीयू कोटे के मंत्री फिर से लोगों की शिकायत सुन उसका निराकरण करेंगे. जेडीयू ने अपने मंत्रियों के लिए जो स्लॉट तय किए हैं उसमें केवल सूचना एवं प्रसारण मंत्री महेश्वर हजारी को जगह नहीं मिली है.जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के निर्देश पर जारी की गई है. इस सूची में महेश्वर हजारी का नाम नहीं है. जदयू ने जो स्लॉट तैयार किया है उसमें मंगलवार को मंत्री विजय चौधरी, लेशी सिंह व जमां खान, बुधवार को श्रवण कुमार, सुनील कुमार, जयंत राज, गुरुवार को बिजेंद्र प्रसाद यादव, शीला मंडल, रत्नेश सदा तथा शुक्रवार को अशोक चौधरी, मदन सहनी और सुमित कुमार सिंह लोगों की समस्याओं को सुनेंगे.
महेश्वर हजारी का नाम आम चुनाव के समय इस वजह से सुर्खियों में आया था कि उनके पुत्र सन्नी हजारी ने समस्तीपुर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था.उनके सामने एनडीए के प्रत्याशी के रूप में लोजपा के टिकट पर मंत्री अशोक चौधरी की पुत्री शांभवी चुनाव मैदान में थीं. शांभवी की जीत भी हुई समस्तीपुर से। एनडीए प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में महेश्वर हजारी के गायब रहने का आरोप था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समस्तीपुर में एनडीए प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में जब वहां गए तो भी हजारी नहीं पहुंचे. उस समय से ही यह कयास लगाया जा रहा था कि महेश्वर हजारी के खिलाफ पार्टी कार्रवाई करेगी.वैसे आधिकारिक तौर पर इस आशय का कोई वक्तव्य नहीं आया है पर जेडीयू की सूची में महेश्वर हजारी का नाम नहीं रहने से पार्टी ने संकेत जरूर दे दिया है.
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