सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में रामनवमी के दौरान सासाराम और बिहारशरीफ में हुई हिंसा को लेकर सियासत गरमाई हुई है. नवादा में अपनी एक जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिहार की महागठबंधन सरकार के सहयोगी विधायक भी हर रोज नीतीश कुमार का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि जनता उनका विरोध कर रही है.JDU के आधे सांसद भाजपा के दरवाजे खटखटा रहे हैं. नीतीश कुमार तो प्रधानमंत्री बनने से रहे, क्योंकि वहां जगह खाली ही नहीं है. देश की जनता तय कर चुकी है कि तीसरी बार भी देश की कमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ही हाथों में होगी.
अमित शाह ने कहा कि लालू और नीतीश दोनों गलतफहमी में हैं. न तो नीतीश पीएम बन पाएंगे न ही वे लालू के बेटे को मुख्यमंत्री बनाएंगे. बिहार की जनता किसी गलतफहमी में नहीं है. वह स्पष्ट निर्णय करके बैठी है कि राज्य की 40 की 40 लोक सभा सीटों पर कमल ही कमल खिलेगा.शाह ने कहा कि महागठबंधन सरकार बुरी नीयत और बुरी नीति वाली सरकार है. राजद-जदयू-कांग्रेस सरकार एक ‘बैड’ बीएडी सरकार है – बी से भ्रष्टाचार, ए से अराजकता और डी से दमन।मतलब, महागठबंधन सरकार भ्रष्टाचार, अराजकता और दमन की प्रतीक एक ‘बैड’ सरकार है. इस बुरी सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बिहार की जनता ने बना लिया है.
शाह कहा कि ललन सिंह को भी स्पष्ट बता देना चाहता हूं कि नीतीश कुमार और जदयू के लिए एनडीए के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं. जनता भी चाहती है कि नीतीश कुमार को वापस एनडीए में नहीं लिया जाए. अब जैसा जनता चाहती है, वैसा ही होगा.अब भाजपा कभी भी जातिवाद का जहर घोलने वाले नीतीश कुमार और जंगलराज के प्रणेता लालू यादव, दोनों के साथ राजनीति का सफर तय नहीं कर सकती, यह मैं आज स्पष्ट कर रहा हूं.2024 के लोकसभा चुनाव के बाद ये राजद-जदयू सरकार अपने ही वजन से गिर जाने वाली है. अगले विधानसभा चुनाव में बिहार में पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार का बनना निश्चित है.
JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पलटवार करते हुए कहा कि जनता बीजेपी के दुष्प्रचार और जुमलेबाजी को अच्छी तरह से समझ चुकी है. वह यहां की जनता को बेवकूफ बनाने की गलतफहमी नहीं पालें. भाजपा के लोगों ने मूल मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने मे महारत हासिल कर रखी है.सामाजिक सौहार्द को बिगाड़कर भाजपा के लोग अपनी सत्ता की भूख को शांत करना चाहते हैं. इन लोगों को जनहित से जुड़े मुद्दे से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है.
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