सिटी पोस्ट लाइव : आज बिहार विधान सभा जातीय जनगणना से जुडी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी कर दिया गया.इस रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य वर्ग में सबसे अधिक गरीब भूमिहार समाज के लोग हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 27.58 फीसदी भूमिहार परिवार गरीब हैं, ब्रह्मणों में 25 .32 फीसदी परिवार गरीब हैं जबकि राजपूतों में गरीबी की बात करें को 24.89 फीसदी गरीब परिवार हैं. 13.83 फीसदी कायस्थ परिवार गरीब हैं तो वहीं शेख में 25.84 फीसदी, पठान (खान) में 22 .20 फीसदी, सैयद में 17.61 फीसदी गरीब परिवार हैं. कुल मिलाकर सामान्य वर्ग में 25.9 फीसदी परिवार गरीब हैं.
बिहार में जातिगत गणना रिपोर्ट आने के बाद सवर्णों की दो बड़ी जातियां ब्राह्मण और ठाकुर यानी राजपूत में राजनीतिक भागीदारी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. पिछले दिनों संसद के विशेष सत्र के दौरान इसकी कमोबेश झलक देखी गई थी. हाल में ही बिहार की नीतीश सरकार ने जातिगत सर्वे रिपोर्ट के आंकड़े जारी किये हैं. इसके अनुसार, बिहार में राजपूत की आबादी 3.45 प्रतिशत, भूमिहार 2.86 प्रतिशत, कायस्थ 0.60 प्रतिशत और ब्राह्मण 3.65 फीसदी है. चारों अगड़ी जातियों की आबादी इकाई में ही है.
अगर लोकसभा में जातियों के आधार पर भागीदारी की बात करें तो देखेंगे कि सवर्णों में आने वाली जातियां राजपूत के 7, भूमिहार के 3, ब्राह्मण के 2, अति पिछड़ा वर्ग के 7, एससी वर्ग से 6, यादव जाति से 5, कुशवाहा से 3, वैश्य से 3, कुर्मी और कायस्थ 1-1 और 2 मुस्लिम सांसद चुन कर आए हैं.
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