सिटी पोस्ट लाइव : बांग्लादेश में बीते 15 दिनों से उपद्रव और हिंसा लगातार जारी है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भीड़ के उत्पात से डरकर भारत में शरण ली है. देश में जारी तनाव के बीच रोजाना हजारों की संख्या में बांग्लादेशी लोग दूसरे देशों में घुसने का प्रयास कर रहे हैं. बिहार के जिला किशनगंज के बॉर्डर पर भी सैकड़ों लोगों के घुसने की खबर सामने आई है. किशनगंज से 19 किलोमीटर दूर इस्लामनगर जिले का बॉर्डर बांग्लादेश से लगता है. इस्लामनगर पश्चिम बंगाल में आता है. लेकिन किशनगंज में बीएसएफ का हैडक्वार्टर है. जिसके चलते यहां से जवानों को भेजा गया है.
भारत-बांग्लादेश सीमा पर अलर्ट घोषित किया गया है. बांग्लादेश में जारी हिंसा और उपद्रव के भय से बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी नागरिक जान माल की रक्षा के लिए देश छोड़ने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. किशनगंज से सटे बंगाल के इस्लामपुर थाना क्षेत्र से सटे बांग्लादेश की सीमा पर सैकड़ों बांग्लादेशी नागरिक आ गए और भारत से शरण मांगने लगे. बांग्लादेशी नागरिकों के बॉर्डर पर जमा होने की सूचना के बाद बीएसएफ कमांडेंट अजय शुक्ला, इस्लामपुर थाने के एसपी जेबी थॉमस पुलिस अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और हालत का जायजा लिया.
सीमा सुरक्षा बल द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर के अधीनस्थ दो बीओपी पर घुसपैठ की कोशिश की गई. जहां अधिकारियों और जवानों द्वारा समझा-बुझा कर सभी को वापस भेज दिया गया है. बीएसएफ द्वारा बताया गया कि स्थिति को देखते हुए सभी बीओपी पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है और आपात स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे सख्त निगरानी का निर्देश दिया गया है. जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर सीमा सुरक्षा बनाए रखने और क्षेत्र में सभी व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सेनाएं स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही हैं और किसी भी घटनाक्रम का जवाब देने के लिए तैयार हैं.
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