सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की जेल से रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की फिर मुश्किलें बढ् सकती हैं. आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नीतीश सरकार को नोटिस जारी किया है.सुप्रीम कोर्ट ले सकता है कोई बड़ा फैसला.DM जी कृष्णैया की हत्या में दोषी आनंद मोहन को 27 अप्रैल को रिहा कर दिया गया था. 29 अप्रैल को DM जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने इस रिहाई को चुनौती दी. उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की गई है.बिहार सरकार ने जेल मैनुअल में बदलाव किया था, इसके बाद आनंद मोहन सिंह गुरुवार (27 अप्रैल) सुबह 6.15 बजे सहरसा जेल से रिहा हुए थे.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका स्वीकार होने पर डीएम जी कृष्णैया की पत्नी ने कहा कि ये अच्छा संकेत है. मुझे न्यायालय पर भरोसा है. सुप्रीम कोर्ट हमारे साथ जरूर न्याय करेगा. सुप्रीम कोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके फैसले को वापस लेने का निर्देश देगा.जिस दिन आनंद मोहन की रिहाई हुई थी, उस दिन उमा कृष्णैया ने कहा था कि ये वोट बैंक की राजनीति है. बिहार सरकार ने राजपूत वोटों के लिए आनंद मोहन की रिहाई की है.आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दलित संगठन से जुड़े अमर ज्योति ने भी 26 अप्रैल को पटना हाईकोर्ट में PIL दायर की। कारागार अधिनियम 2012 को संशोधित कर सरकार ने जो अधिपत्र निकाला है. उसके खिलाफ याचिका दायर की गई है.
आनंद को हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके तहत उन्हें 14 साल की सजा हुई थी. आनंद ने सजा पूरी कर ली थी, लेकिन मैनुअल के मुताबिक, सरकारी कर्मचारी की हत्या के मामले में दोषी को मरने तक जेल में ही रहना पड़ता है. नीतीश सरकार ने इसमें बदलाव कर दिया. आनंद मोहन समेत 27 दोषियों की रिहाई के आदेश सोमवार को जारी कर दिए गए. आनंद मोहन पर 3 और केस चल रहे हैं. इनमें उन्हें पहले से बेल मिल चुकी है.