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बिहार में 40 दिन में 7 नेताओं की हत्या, तीन सांसदों को ‘धमकी’.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं.हाल के दिनों में जिस तरह से लगातार नेताओं पर जिस तरह से जानलेवा हमले हो रहे हैं और वो मारे जा रहे हैं, बिहार की जनता दहशत में है.सोमवार की सुबह पटना में बीजेपी नेता श्याम सुंदर उर्फ मुन्ना शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पटना सिटी के चौक थाना में हुई इस हत्या से जुड़े सीसीटीवी फ़ुटेज में फ़ुटपाथ पर बैठे मुन्ना शर्मा को तीन बाइक सवार गोली मारते दिख रहे हैं. मुन्ना शर्मा की हत्या के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम करके विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल बीते एक महीने में पटना सिटी के इलाक़े में ही बीजेपी के दो नेताओं की हत्या हो चुकी है.

 

महज़ एक सप्ताह में अगस्त से 9 सितंबर तक बिहार में राजनीतिक दलों से जुड़े कम से कम सात नेताओं की हत्या हो चुकी है. बीजेपी के मुन्ना शर्मा और अजय साह सहित पश्चिमी चंपारण में जेडीयू नेता विभव राय, सहरसा में जेडीयू नेता जवाहर यादव, हाजीपुर में आरजेडी नेता पंकज राय और मुंगेर में बीजेपी नेता बंटी सिंह की हत्या इस दौरान हुई है. सोमवार की शाम यानी कल ही बिहार के अरवल में सीपीआई-एमएल के स्थानीय नेता सुनील चंद्रवंशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सुनील पार्टी के अरवल ज़िला कमिटी के सदस्य थे. 9 सितंबर की शाम जब वो बाइक से अपने घर लौट रहे थे तो घात लगाए अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया.

 

बिहार में एनडीए गठबंधन की पार्टियां राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के शासन काल को ‘जंगलराज’ कहती रही हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने भाषणों में जंगलराज शब्द का इस्तेमाल करते रहे.लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही तेजस्वी लगातार बिहार का ‘अपराध बुलेटिन’ जारी कर रहे है. इस बुलेटिन में राज्य में हो रही अपराध की घटनाओं की हेडलाइन्स होती हैं और कई बार उन्हें ‘रिकॉर्ड तोड़ अपराध’ की संज्ञा दी जाती है. पटना में हुई हत्या के बाद भी तेजस्वी यादव ने  एक्स   पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “एनडीए के कर्ता धर्ता बढ़ते बेलगाम अपराध से बेख़बर हैं. इधर-उधर में मस्त, व्यस्त और पस्त सीएम से बिहार बिल्कुल भी नहीं संभल रहा है.”

 

राज्य में सिर्फ़ नेताओं की हत्या ही नहीं हो रही बल्कि हाल के दिनों में तीन सांसदों ने धमकी मिलने की शिकायत भी स्थानीय थानों में दर्ज कराई है. ये तीन सांसद हैं, अररिया सांसद प्रदीप सिंह (बीजेपी), खगड़िया सांसद राजेश वर्मा (लोजपा-आर) और बक्सर सांसद सुधाकर सिंह (आरजेडी). अररिया सांसद प्रदीप सिंह का दावा है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है. इसकी शिकायत सांसद ने अररिया के नगर थाने में बीती 2 सितंबर को की थी. खगड़िया सांसद राजेश वर्मा का कहना है कि उन्हें भी फोन करके जान से मारने की धमकी मिली थी, जिसके बाद सांसद के निजी सचिव ने खगड़िया के साइबर थाने में 28 अगस्त को एफ़आईआर दर्ज कराई थी.

 

वहीं बक्सर सांसद सुधाकर सिंह ने कैमूर के रामगढ़ थाने में बीती 2 सितंबर को अविनाश कुमार नाम के व्यक्ति द्वारा कथित धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद 8 सितंबर को उन्होंने कैमूर एसपी के पास रामगढ़ थाना प्रभारी द्वारा कथित धमकी देने की शिकायत भी भेजी है. सुधाकर सिंह कहते हैं, “एक सांसद को थाना प्रभारी धमकी दे रहा है, ऐसे में तो बिहार सरकार का पूरा सिस्टम फ़ेल हो गया है और यहां पुलिस ही संगठित अपराध में लिप्त है.बिहार में विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं. तेजस्वी यादव ने अपराध के मुद्दे पर हमलावर रणनीति अपनाकर, क़ानून-व्यवस्था के सवाल को बहस के केंद्र में ला दिया है. देखना होगा कि बिहार में जदयू और बीजेपी इस मुद्दे से कैसे निपटते हैं.

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