सिटी पोस्ट लाइव :बिहटा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण में बड़ी अड़चन पैदा हो गई है. लिए जमीन अधिग्रहित करना सरकार के लिए मुसीबत बन गया है. पिछले कई महीनों से किसान सरकार का विरोध करते आ रहे हैं.बुधवार की देर शाम प्रखंड के कोरहर गांव में जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान मोर्चा के बैनर तले किसानो ने बैठक की. इसमें सरकार की ओर से जारी नए आदेश का विरोध किया गया. 17 नवंबर को सरकार के फैसले के विरोध में मानव श्रृंखला बनाकर नए आदेश का किसान विरोध करेगें.
लोगों ने साफ तौर पर कहा कि ‘यदि सरकार को जमीन लेनी है तो उसे हमारी लाश पर से गुजरना होगा. अगर सरकार जबरन किसानों की जमीन लेती है किसान आत्महत्या करने को भी तैयार हैं. अब जो जमीन बची है उसे भी सरकार लेना चाहती है. ऐसे में हम किसानों का परिवार कहां जाएगा. हमें अपनी ही जमीन से बेदखल किया जा रहा है. इसलिए कोई भी हालत हो, हमलोग सरकार का विरोध करेंगे. यदि सरकार को जमीन ही लेनी है तो पहले हमारी लाशों से गुजरना होगा. जीते जी हम लोग जमीन नहीं देंगे.एयरपोर्ट के निर्माण में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने पहले पूर्व दिशा में जमीन अधिग्रहण की बात कही थी. इसका नक्शा भी जारी किया गया था. लेकिन अचानक से अब पश्चिम दिशा में कर दी गई है.
ग्रामीणों का कहना है कि भारत सरकार की एयरपोर्ट अथॉरिटी और बिहार सरकार ने बिहटा एयरपोर्ट निर्माण को लेकर पूर्व दिशा में जमीन अधिग्रहण किया गया था. अब दूसरे चरण में अचानक से ऐसी क्या बात हुई कि पश्चिम दिशा में जमीन अधिग्रहण का काम शुरू किया गया है.किसानों का कहना है कि ‘इस तरह से तो आने वाले समय में लाखों लोगों का रोजगार, परिवार और उनका कारोबार नष्ट हो जाएगा. पश्चिम दिशा में कई फैक्ट्रियां हैं. यहां तक की रजवाहा नहर है. जिससे किसानों के खेतों का पटवन होता है. यह नहर बंद हो गई तो किसान भी आत्महत्या कर लेंगे. ऐसा विकास हमें नहीं चाहिए जो विनाश के कगार पर ले जाए। सरकार को इसपर सोचना होगा.
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