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जमीन सर्वे बना जी का जंजाल, खूब हो रही है वसूली.

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सिटी पोस्ट लाइव : जमीन सर्वे ने लोगों का पसीना छुड़ा दिया है.  विशेष सर्वेक्षण की प्रक्रिया जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, रैयतों की समस्याएं भी बढ़ती जा रही है.जमीन के कागजात जुटाने में उन्हें पसीना बहाना पड़ रहा है. कई रैयत ऐसे हैं जिनका दखल-कब्जा तो जमीन पर है, लेकिन कोई दस्तावेज नहीं है. ऐसे लोग कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं. जमीन के दस्तावेज ‘कैथी’ लिपि में होने से बहुत परेशानी हो रही है.इसे पढ़ने के नाम पर किसानों से 15 तो कोई 20 हजार वसूले जा रहे हैं.

दिवाली और छठ से पहले ही देश के दुसरे शहरों में रहने वाले लोग गांव आ चुके हैं. खेतों में पहुंचकर मेड़ दुरुस्त करवाने में वे जुटे हैं. जिला बंदोबस्त पदाधिकारी का स्पष्ट कहना है कि प्रपत्र दो और तीन (1) भरकर जितने दस्तावेज हैं उन्हीं को जमा करें.कागजात एकत्र करने के लिए अवरस भी मिलेगा. बिहटा नगर परिषद क्षेत्र को छोड़ कर 22 पंचायतों के 88 मौजा सर्वे चल रहा है. कैथी लिपि में लिखे गए दस्तावेज से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.भूमि सर्वे में लगे अधिकतर कर्मचारियों को कैथी लिपि का ज्ञान नहीं है. इस लिपि के जानकार कम हैं. बहुत सारे किसानो के पास पुराने जो भी दस्तावेज हैं, वो कैथी लिपि में ही हैं.

किसानों का कहना है  कि पहले सबका मालगुजारी रसीद मुकम्मल होता तब सर्वे की प्रक्रिया होती तो ठीक रहता. रजिस्टर 2 के फटे रहने से परेशानी हो रही है. पहले उसे ठीक कराने की मांग किसान कर रहे हैं.. कई किसानों का कहना था कि ज्यादातर लेागों की भूमि रसीद पर प्लाट की जगह शून्य रकबा दर्शाया गया है.यह भी काफी परेशान करने वाली है. भूस्वामियों को प्रपत्र भरने में परेशानी हो रही हैं. भूस्वामियों को सर्वे के लिए भरे जाने वाले प्रपत्रों को भरने के लिए पूरी जानकारी नहीं दी गई है.

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