City Post Live
NEWS 24x7

बिहार में चौथा कृषि रोडमैप लागू, जानिये क्या है ख़ास.

अगले 5 साल में खेती के विकास पर खर्च होंगे 162268.78 करोड़ रुपए, बढ़ेगी किसानों की आमदनी.

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार ने चौथा कृषि रोडमैप पहली अप्रैल से लागू कर दिया है. इसके तहत कृषि उपज में बढ़ोतरी के लिए भंडारण, प्रसंस्करण क्षमता, बीज और सिंचाई क्षमता का विस्तारीकरण समेत कई अन्य सुविधाओं को बढ़ाकर किसानों की आमदनी बढ़ाई जाएगी. किसान जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने में भी सक्षम होंगे. इन कार्यों पर अगले 5 वर्षों यानी वर्ष 2023 से 2028 तक 162268.78 करोड़ रुपए राज्य सरकार खर्च करेगी. शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में चौथे कृषि रोड  मैप को मंजूरी मिल गई है.

 

कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव, डॉक्टर  एस सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य में 2008 से लगातार कृषि रोडमैप बनाकर कृषि विकास का काम किया जा रहा है. तीसरे कृषि रोड मैप की अवधि पूरी हो जाने के बाद चौथे कृषि रोडमैप का क्रियान्वयन अब शुरू किया जा रहा है. चौथे कृषि रोडमैप में मिट्टी से लेकर आदमी तक की सेहत को ध्यान में रखा गया है. उन्नत खेती के लिए राज्य में 100 सीड हब बनेंगे. 20 मिलेट हब होंगे. जूट की खेती व गुड़ उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. मिट्टी व जल संरक्षण पर अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए सेंटर ऑफ एक्सेलेंस बनेगा. ग्रामीण हाटों को विकसित करने का प्रावधान होगा.

 

कैबिनेट ने निबंधन विभाग के अन्तर्गत बिहार रजिस्ट्रीकरण (संशोधित) नियमावली 2023 को लागू किये जाने को मंजूरी दे दी है. इसके बाद विभाग द्वारा तैयार खास स्टैण्डर्ड फारमेट में ही जमीन की रजिस्ट्री हो सकेगी. अब तक कातिबों द्वारा विकसित किये गये अलग-अलग फारमेट में जमीन की रजिस्ट्री होती रही है. लोगों को जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. बेसिक जानकारी के साथ दस्तावेज अपलोड करते ही सॉफ्टवेयर के माध्यम से डीड बनकर तैयार हो जाएगा.

- Sponsored -

-sponsored-

-sponsored-

Comments are closed.