सिटी पोस्ट लाइव
रामगढ़ । विस्थापित प्रभावित अधिकार समिति के सदस्यों को पीवीयूएनएल प्रबंधन से मोह भंग हो गया है। विगत कई माह से लगातार आश्वासन के बाद भी समिति के सदस्यों से धोखाधड़ी का काम प्रबंधन द्वारा किया गया है। इस संबंध में शनिवार को विस्थापित प्रभावित अधिकार समिति के सदस्यों द्वारा पांच वाहिनी मंदिर में बैठक किया गया और निर्णय लिया गया कि न्याय लेने के लिए एक बार फिर आंदोलन करना होगा।
बैठक में सदस्यों ने कहा कि हमारे समिति के महिलाओं के साथ अपमान किया जा रहा है साथ ही कुछ विस्थापित पुरुषों को भी नौकरी देने के नाम पर एजेंसी द्वारा पैसे की मांग की गई है,जो हमारे नियम व वसूल के खिलाफ है। दिल्ली आंदोलन दबाव में किया गया स्थगित जो विस्थापितों के लिए सही नहीं रहा जंतर मंतर दिल्ली में विस्थापित प्रभावित अधिकार समिति द्वारा जुलाई अगस्त माह में आंदोलन किया जाना था। जिसे एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा दबाव डालकर स्थगित कर दिया गया जो हमारे समिति के लिए सही नहीं हुआ है ऐसा सदस्यों का मानना है समिति के सदस्यों ने अध्यक्ष खुशबू देवी पर दबाव बनाया की भविष्य में हमें एक आंदोलन करने की आवश्यकता है जिसके माध्यम से एनटीपीसी दबाव में आएगा और हमारी मांगे पूरी करेगा।
NTPC प्रबंधन हमारे महिला साथियों को काम में रखने से ही इनकार करता है वहीं पुरुष वर्ग के के विस्थापितों को भी रोजगार नहीं दिया जा रहा है रोजगार देने के नाम पर सीधी तौर पर घुस की मांग की जाती है। नए अधिकारियों से एक उम्मीद की किरण जगी है। प्रबंधन के नए अधिकारियों ने विस्थापितों को भरोसा दिलाया है कि आने वाले कुछ ही दिनों में इन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर रविवार को पंचबहिनी मंदिर के प्रांगण में एक बैठक भी आयोजित की इसकी अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष खुशबू देवी और संचालन दयानंद प्रजापति ने किया।
इस दौरान विस्थापित प्रभावित अधिकार समिति के अध्यक्ष खुशबू देवी ने कहा कि पीवीयूएनएल के नये आये प्रबंधक से बातचीत के बाद विस्थापित प्रभावित अधिकार समिति फिलहाल कोई आंदोलन नहीं करेगी। वर्तमान दौर में विस्थापित प्रभावित अधिकार समिति के सदस्यों को आशा और उम्मीद जगी है कि तत्कालीन प्रबंधक न्याय करेगा। प्रबंधन द्वारा आश्वासन दिया गया कि कुछ ही दिनों में विस्थापितों को रोजगार से जोड़ा जाएगा और अगर रोजगार नहीं मिलेगा तो आप आंदोलन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बातचीत के जरिए विस्थापितों का न्याय अधिकार मिलेगा और साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेगा।