सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के ऑटो कारोबार में तेजी आनेवाली है.अब सरकार ने गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन फीस में बहुत कमी कर दी है.गौरतलब है कि पहले सीमावर्ती राज्यों की तुलना में बिहार में रजिस्ट्रेशन फीस ज्यादा था.लोग महँगी गाड़ियाँ झारखण्ड और यूपी से खरीदना पसंद करते थे.लेकिन अब रजिस्ट्रेशन फीस में बिहार सरकार ने इतनी कमी कर दी है कि अब दुसरे राज्यों के लोग भी अपनी गाड़ियाँ बिहार से खरीदना पसंद करेगें. 10 लाख की गाड़ी पर पहले 23 से 30 हजार तक शुल्क लग जाते थे तो अब यह काम पांच से सात हजार में हो जाएगा. यह सभी शुल्क का संशोधन पूरे बिहार के लिए किया गया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में बुधवार (21 अगस्त) को कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें 31 एजेंडों पर मुहर लगी. इसी क्रम में नीतीश सरकार ने गाड़ियों पर लगने वाले रजिस्ट्रेशन शुल्क को कम करने का फैसला कर लिया है. परिवहन विभाग ने मोटर वाहन नियमावली 1992 के नियम 74 और 82 में संशोधन किया है. 74 में रजिस्ट्रेशन की नियमावली है जबकि 82 में परमिट संशोधन की नियमावली है. ऐसे में आम लोगों के सवाल है कि अब कार या बाइक खरीदते हैं तो रजिस्ट्रेशन के लिए कितने रुपये देने होंगे?
कैबिनेट सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि बाइक रजिस्ट्रेशन के लिए पहले 1650 रुपये लगते थे. अब 1150 रुपये देने होंगे. ऑटो रिक्शा और उससे ऊपर अधिक राशि वाले बड़े वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क में भी काफी कमी की गई है. ऑटो रिक्शा में पहले रजिस्ट्रेशन शुल्क 5650 लगता था और अब घटा कर 1150 रुपया कर दिया गया है. वहीं मोटर कैब यानी कार या पैसेंजर ढोने वाले वाहन जैसे विंगर, मैक्सी आदि जो 5 सीट से 13 सीट की क्षमता वाले हैं उनका रजिस्ट्रेशन शुल्क पहले 23 हजार 650 था और अब घटा कर 4150 कर दिया गया है.
राज्य सरकार के इस निर्णय के पीछे मुख्य वजह है बिहार में ज्यादा से ज्यादा वाहन खरीदे जाएं. क्योंकि अभी जो रजिस्ट्रेशन शुल्क है वह अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी ज्यादा है. इसके कारण कई लोग बिहार से बाहर जाकर भी गाड़ी खरीदने लगते हैं. ऐसे में माना जा रहा है को जो लोग बाहर जाकर खरीद लेते थे वह अब बिहार से ही खरीदेंगे. इससे बिहार सरकार के रेवेन्यू में वृद्धि होगी.
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