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साहिबगंज । संयुक्त जिला कृषि भवन परिसर में आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषि मेला, फल/सब्जी प्रदर्शनी, उद्यानिकी संगोष्ठी और मत्स्यकी कार्यशाला ने किसानों, उद्यमियों और वैज्ञानिकों के लिए एक ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक मंच प्रदान किया। इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि, मत्स्य, उद्यान विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया, जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों किसान, विशेषज्ञ और शोधकर्ता शामिल हुए।
कार्यक्रम का उद्घाटन और उद्देश्य कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक बोरियो धनंजय सोरेन, जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त हेमंत सती, उप विकास आयुक्त सतीश चंद्रा द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया। जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद एक्का द्वारा सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत भाषण के द्वारा स्वागत किया गया।
जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त हेमंत सती का संबोधन
अपने संबोधन में उन्होंने किसानों को प्रेरित करते हुए कहा, कृषि क्षेत्र में प्रगति के लिए नई तकनीकों और नवाचारों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। यह मेला किसानों को उन्नत तकनीकों, जैविक खेती और उद्यानिकी के साथ-साथ मत्स्य पालन के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करने का एक उत्कृष्ट कार्यशाला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान इन जानकारियों का लाभ उठाकर अपनी उपज में सुधार कर सकते हैं और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से उत्पादकता बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों की भलाई के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनका अधिकतम लाभ लेने के लिए जागरूकता आवश्यक है। उपायुक्त ने भविष्य में ऐसे आयोजनों की निरंतरता की आवश्यकता पर बल दिया और किसानों को प्रोत्साहित किया कि वे तकनीकी नवाचारों के साथ अपनी कृषि प्रथाओं को मजबूत कराएं।
विधायक, उपायुक्त एवं उप विकास आयुक्त ने कार्यशाला में स्टालों का लिया जायजा
दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषि मेला-सह-फल/सब्जी प्रदर्शनी, उद्यानिकी संगोष्ठी एवं मत्स्यकी कार्यशाला के दौरान विधायक, उपायुक्त, उप विकास आयुक्त ने कार्यशाला में लगे सभी स्टालों का बारी-बारी से जायजा लिया।उन्होंने प्रत्येक स्टाल पर प्रदर्शित कृषि उपकरण, तकनीकी नवाचार, जैविक उत्पादों, फसलों, फल, फूल और सरकारी योजनाओं की जानकारी को गहनता से समझा।
स्टाल संचालकों और विशेषज्ञों से संवाद करते हुए उन्होंने किसानों की जरूरतों और उनके हित में प्रस्तुत तकनीकों की उपयोगिता पर चर्चा की। उपायुक्त ने कहा, इन स्टालों के माध्यम से किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और संसाधनों की जानकारी मिल रही है, जो उनके उत्पादन को बढ़ाने और लागत कम करने में सहायक होगी।
फल और सब्जी प्रदर्शनी नवाचार
फल और सब्जी प्रदर्शनी में किसानों को उनकी फसलों के बेहतर उत्पादन और संरक्षण के नए तरीकों से परिचित कराया। इस प्रदर्शनी में जैविक उत्पादों, स्थानीय सब्जियों और फलों की विभिन्न प्रजातियों का प्रदर्शन किया गया। उद्यानिकी संगोष्ठी नवाचार और समाधान संगोष्ठी में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने किसानों को पॉलिहाउस तकनीक, जल संरक्षण, और सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों के बारे में जानकारी दी।
मत्स्यकी कार्यशाला एक नया आयाम मत्स्यकी कार्यशाला में किसानों को मत्स्य पालन के उन्नत तरीकों और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। कार्यशाला में किसानों को आधुनिक तकनीकों जैसे रीसकुर्लेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम और जैविक मत्स्य पालन की बारीकियां सिखाई गईं। किसानों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपने उत्पादन में बढ़ोतरी की।
ग् सरकारी योजनाओं और अनुदानों की जानकारी
कार्यक्रम के दौरान कृषि विभाग के पदाधिकारियों ने किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में बताया। किसानों को विभिन्न योजनाओं के आवेदन प्रक्रिया, अनुदान और लाभों की जानकारी दी गई।
किसानों की प्रतिक्रिया
मेले में शामिल किसानों ने इसे अत्यधिक लाभकारी बताया। किसान ने कहा, “इस तरह के मेले हमें नई तकनीकों और सरकारी योजनाओं को समझने का मौका देते हैं।” यह दो दिवसीय कृषि मेला न केवल किसानों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बना, बल्कि उन्हें अपनी उपज को उन्नत तकनीकों और नए बाजारों से जोड़ने का अवसर भी प्रदान किया। किसानों ने इस आयोजन को अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाने का बेहतरीन जरिया बताया।
मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद एक्का, जिला मत्स्य पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार, भूमि संरक्षण पदाधिकारी राहुल गुप्ता, उद्यान पदाधिकारी अमितेश रंजन, जिला योजना एवं मूल्यांकन पदाधिकारी अरुण कुमार भोक्ता, जिला कृषि अभियंता राम प्रकाश कुमार अग्रिम बैंक प्रबंधक सुधीर कुमार, उप परियोजना निदेशक मन्टू कुमार, कंचन कुमार सुमन, बीटीएम अजय कुमार पुरी, बीटीएम प्रीतम ठाकुर, अमित कुमार, कृष्ण कुमार सिंह के अलावे अधिक संख्या में कृषक उपस्थित थे।