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हजारीबाग । जिला कांग्रेस कार्यालय कृष्ण बल्लभ आश्रम में अमर शहीद टिकैत उमरांव सिंह व अमर शहीद शेख भिखारी की 166 वीं पुण्यतिथि शहादत दिवस के रूप में शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण कर मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार यादव ने कहा कि सन 1857 की क्रांति ने पूरे देश में आजादी की चिंगारी को सुलगा दिया गया। इस चिंगारी से छोटानागपुर का पहाड़- पठार भी धधकने से बच नही सका।
झारखंड के इतिहास में प्रसिद्ध अमर शहीद टिकैत उमरांव सिंह व अमर शहीद शेख भिखारी हमेशा से शोषण और अत्याचार के खिलाफ रहे और अंग्रेजों के विरोध को पूरा छोटानागपुर में फैलाया। अंग्रेजों से लड़ते हुए इन दोनो को 06 जनवरी 1858 को घेर कर अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया और 07 जनवरी 1858 को उसी जगह चुटूपालू घाटी पर अदालत लगाकर उनकी विरता और साहस से भयभीत अंग्रेजों ने कार्यवाई पूरा किए बगैर दोंनो को फांसी का फैसला सुनाया और 08 जनवरी 1858 को आजादी के दिवाने टिकैत उमरांव सिंह व शेख भिखारी को चुटूपालू पहाड़ स्थित बरगद के पेड़ से लटका कर अंग्रेजों द्वारा फांसी दे दी गई। वह बरगद का पेड़ आज भी चुटूपालू में स्थित है।
शहादत दिवस पर महानगर अध्यक्ष मनोज नारायण भगत जिला उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता निसार खान वरिष्ठ कांग्रेसी अकिल अहमद, बिनोद सिंह, मिथिलेश दुबे, सुनिल सिंह राठौर, जावेद इकबाल, मनिषा टोप्पो, डॉ. प्रकाश कुमार, गुड्डु सिंह, कृष्णा किशोर प्रसाद, दिलदार अंसारी, सदरूल होदा, अनिल कुमार भुईंया, राजीव कुमार मेहता, निसार अहमद भोला, चन्द्र शेखर आजाद, सैयद अशरफ अली, अर्जुन सिंह, देव नारायण सिंह, कृष्णदेव, कृष्णदेव प्रसाद सिंह, कैलाश पति देव के अतिरिक्त कई कांग्रेसी उपस्थित थे।