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नौकरी के नाम पर बिहार में ‘अय्याशी गैंग’.

कंपनी बनाकर 200 लड़कियों से रेप और एबॉर्शन तक के गंभीर इल्जाम, जांच-पड़ताल जारी.

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सिटी पोस्ट लाइव : नौकरी देने का झांसा देकर किशोरियों का  यौन शोषण किये जाने का एक बड़ा मामला सामने आया है.मुजफ्फरपुर की पुलिस ने इस  मामले की जांच शुरू कर दी है. थानाध्यक्ष रोहन कुमार के अनुसार कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज कर इसकी जांच की जा रही है.प्राथमिकी में सुपौल के मो. इरफान, गोपालगंज के हरेराम राम, यूपी नोएडा के मनीष सिन्हा, मोतिहारी के एनामुल अंसारी समेत नौ लोगों को आरोपित किया गया है. इन सभी के मोबाइल का डिटेल निकाला जा रहा है. साक्ष्य संकलन कर गिरफ्तारी की कवायद की जाएगी.

मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने पीड़िता का बयान लिया.युवतियों के बयान से  पता चला कि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से युवतियों से आरोपित संपर्क करता था. इसके बाद लड़कियों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर जाल में फंसाता था. उसके साथ मारपीट और यौन शोषण किया जाता था. युवतियों की तस्वीर ले ली जाती थी. तस्वीर में छेड़छाड़ कर उसे इंटरनेट मीडिया पर डालने की बात बताकर ब्लैकमेल भी किया जाता था.

मामले में एक पीड़िता की शिकायत के बाद अन्य युवतियां भी पुलिस से संपर्क किया है. सिवान की रहने वाली दूसरी पीड़िता ने पुलिस को आपबीती सुनाई. उसके अनुसार वह  साल भर से वह प्रताड़ना सह रही है. गोपालगंज के रहने वाले हरेराम ने फेसबुक से उसके साथ दोस्ती शुरू की थी. एक माह तक बातचीत होने के बाद हरेराम बखरी स्थित डीबीआर कंपनी के बारे में बताते रहता था. उसने कंपनी में 25 हजार रुपये की नौकरी देने की बात कही.काम के बदले उसके साथ यौन शोषण किया जाने लगा. उसका मोबाइल भी छीन लिया जाता था.

युवतियों के अनुसार परिवार के लोगों से स्पीकर आन कर मात्र दो मिनट बात करवाते थे. इसके अलावा लड़कियों को दूसरे को काल कर जोड़ने के लिए कहा जाता था. नए लोगों को नहीं जोड़ने पर उसके साथ मारपीट किया जाता था.युवती ने बताया कि एक दिन कंपनी के छह लोग हाजीपुर स्थित कार्यालय के एक कमरे में बंद कर बेल्ट से पिटाई भी की. जबरन शारीरिक संबंध भी बनाए. इसके बाद उक्त लड़कियों को उसके तस्वीर भेजकर ब्लैकमेल किया जाता था. कई दिनों तक खाना नहीं दिया जाता था.

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