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खूंटी । नामकुम थाना क्षेत्र के ब्यांगडीह निवासी पौदा मुंडा की हत्या के मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने मृतक की पत्नी सहित तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया है। गिरफ्तार आरोपितों में मृतक पौदा मुंडा की पत्नी ममता देवी, नामकुम थाना क्षेत्र का सुकवा मुंडा और दुबी मुंडा शामिल हैं। यह जानकारी तोरपा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ख्रिस्टोफर केरकेट्टा ने गुरुवार को कर्रा थाना में आयोजित प्रेस कॅन्फ्रेंस में दी। एसडीपीओ ने बताया कि पौदा मुंडा का शव तोरपा थाना क्षेत्र अंतर्गत तोरपा सिमडेगा मुख्य पथ के किनारे ओरमेंजा गांव के पास से चार जनवरी को बरामद किया गया था।
इस संबंध में तोरपा थाने में मामला दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अमन कुमार ने एसडीपीओ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था। एसडीपीओ ने बताया कि गठित टीम की जांच के क्रम में पता चला कि पौदा मुंडा की हत्या में उसकी पत्नी ममता देवी के अलावा उसी गांव के सुकवा मुंडा और दुबी मुंडा का हाथ है। पुलिस ने छापेमारी कर सभी आरोपितों को ब्यांगडीह गांव से गिरफ्तार किया। एसडीपीओ ने बताया कि पौदा मुंडा की हत्या प्रेम प्रसंग और अवैध संबंध के कारण हुई थी। एसडीपीओ ने बताया कि नामकुम थाना क्षेत्र में हुए एक दोहरे हत्याकांड में पौधा मुंडा जेल गया था।
वह लगभग दो साल तक जेल में रहने के बाद जमानत पर छुटा था। उसे जेल से छुड़ाने में सुकवा मुंडा ने मदद की थी। पौदा जब जेल आया, तो उसका संबंध सुकवा की भाभी से हो गया। पौदा की पत्नी का प्रेम संबंध भी दुबी मुंडा से हो गया था। सुकवा को जानकारी मिली कि पौदा का अवैध संबंध उसकी भाभी से है, तो इससे आक्रोशित सुकवा ने पौदा की हत्या करने की योजना बनाई। पौदा की पत्नी को भी इस बात की जानकारी थी। उसने भी पौदा को मारने के लिए हामी भर दी। तय योजना के तहत सुकवा और दुबी मुंडा पौदा को बुलाकर रामपुर बाजार ले गये।
वहां तीनों ने शराब के साथ ही गांजा का भी सेवन किया। इसके बाद तीनों दुबी के टाटा मैजिक से निकले। दुबी और सुकवा पौदा को लेकर तोरपा आ गये।यहां मरचा के पास पहुंचते ही सुकवा ने चलते ऑटो में ही पौदा की गला रेतकर हत्या कर दी। हत्या के बाद ओरमेंजा गांव के पास सड़क किनारे शव को फेंक दिया। पुलिस टीम में एसडीपीओ के अलावा पुलिस इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह, तोरपा के थाना प्रभारी, मुकेश कुमार हमेंब्रम, पुलिस अवर निरीक्षक अमरंद्र कुमार मंडल, एसआई सोनाराम स्वांसी और सशस्त्र बल शामिल थे।