पटना/औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद जिले के दाउदनगर अनुमंडल के महावर गांव में बुधवार को शरारती तत्वों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय रामविलास पासवान की प्रतिमा को क्षति पहुंचाई। इस घटना के बाद ग्रामीणों में गहरा आक्रोश फैल गया और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के कई वरिष्ठ नेता मौके पर पहुंचे और दोषियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के साथ सख्त कार्रवाई की मांग की।

गांव में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई गई
पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. प्रकाश चंद्रा ने कहा कि यह प्रतिमा 27 अगस्त 2021 को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान द्वारा अनावृत की गई थी। प्रतिमा स्थापित होने के बाद क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द और एकता की भावना मजबूत हुई थी। लेकिन एक ऐसे प्रतिष्ठित नेता, जिन्होंने कई प्रधानमंत्रियों के साथ कार्य किया, उनकी प्रतिमा को खंडित करना अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष और कठोर जांच की अपील की।
जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह ने चेतावनी दी कि यदि सात दिनों के भीतर दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो पूरे जिले में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे।

दोषियों पर जल्द होगी कार्रवाई
स्वर्गीय रामविलास पासवान की प्रतिमा तोड़े जाने की सूचना मिलते ही दाउदनगर अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) मनोज कुमार और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) कुमार ऋषि राज पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और माहौल को शांत कराने का प्रयास किया। एसडीपीओ ने बताया कि टावर डंपिंग तकनीक से आरोपियों की पहचान की जा रही है, वहीं फोरेंसिक टीम ने भी मौके से साक्ष्य इकट्ठा किए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस मामले का समाधान कर अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा।