सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के पूर्व डीजीपी अशोक सिंघल पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में फंसते नजर आ रहे हैं. पुलिस में 21 हजार से अधिक पदों के लिए अक्टूबर में ली गई सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में पूर्व डीजीपी एवं केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल समेत पूरा पर्षद कार्यालय संदेह के घेरे में है.मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने सात घंटे तक पर्षद के नए एवं पुराने कार्यालयों को खंगाला. इस दौरान कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल समेत कई उपकरण और दस्तावेज जब्त किए गए, जिनकी जांच की जा रही है.
सूत्रों के अनुसार, परीक्षा संचालन को लेकर जिस एजेंसी से करार हुआ था, उसके एग्रीमेंट में भी गड़बड़ियां मिली हैं. प्रश्नपत्र की छपाई कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस में की गई थी. पेपर लीक में उसकी भूमिका भी शक के दायरे में है.ईओयू की टीम कोलकाता जाकर भी जांच कर सकती है. परीक्षा से पहले पेपर लीक और आंसर-की जारी होने में राज्य के बाहर के लोगों की भूमिका भी सामने आ रही है. इस बाबत पकड़े गए अभ्यर्थियों एवं अन्य लोगों से पूछताछ में कई लिंक मिले हैं.
ईओयू की टीम ने गुरुवार को शाम चार से रात 11 बजे तक पटना के हार्डिंग रोड एवं बैक हार्डिंग रोड के कार्यालयों में तलाशी ली. जांच टीम ने अध्यक्ष के कमरे के साथ गोपनीय शाखा, विशेष कार्य पदाधिकारी का कक्ष, लेखा शाखा आदि की भी गहन तलाशी ली. सिपाही भर्ती कांड से जुड़े महत्वपूर्ण कागजातों को जांच टीम जब्त कर अपने साथ ले आई है.जांच टीम ने पर्षद कार्यालय की तलाशी के दौरान ओएसडी समेत कई पदाधिकारियों से पूछताछ की. उनसे परीक्षा संचालन से जुड़ी जानकारियां ली गईं.
सिपाही भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा पिछले साल एक अक्टूबर को ली गई थी, मगर कदाचार और अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था.ईओयू के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लन के नेतृत्व में बना विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच कर रहा है.जांच टीम ने राज्य के अलग-अलग थानों में दर्ज 74 कांडों का अनुसंधान किया है. इसके अलावा ईओयू ने अलग से भी प्राथमिकी दर्ज की है.इस दौरान कदाचार में संलिप्त 225 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. एसआइटी की जांच में परीक्षा में गड़बड़ी के साथ ही वित्तीय लेन-देन के साक्ष्य भी मिले हैं.