सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुजफ्फरपुर में पुलिस ने एक कंप्यूटर कोचिंग सेंटर पर छापेमारी कर साइबर ठगी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है.पुलिस के अनुसार मुजफ्फरपुर में पुलिस के नाम पर बीते कुछ दिनों से लगातार साइबर ठगी का मामला सामने आ रहा था.. साइबर अपराधी पुलिस के नाम पर लोगों को फोन करके उनके बेटे या परिजन के गिरफ्तार होने और उन्हें सजा देने की बात कहते और फिर परिजनों को डरा-धमकाकर पैसे वसूलते थे. महज एक महीना में इस तरह के दर्जनों मामले सामने आने के बाद तफ्तीश शुरू हुई. अब अलग-अलग जिलों से 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया.. गिरफ्तार आरोपियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए.
एसएसपी राकेश कुमार के अनुसार इस गिरोह का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन है. एसपी के अनुसार अलग-अलग जिलों से छह साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से 4 लैपटॉप, 19 बैंक पासबुक, 8 चेकबुक, 17 एटीएम/डेबिट कार्ड, 13 बैंक ओपनिंग किट, 5 पैन कार्ड, 7 मोबाइल और 5 सिम कार्ड समेत बैंक के कई कागजात बरामद किए गए.साहेबगंज के आरोपी द्वारा एक कंप्यूटर कोचिंग चलाया जा रहा था, जहां पढ़ने वाले स्टूडेंट के नाम पर बैंक में खाते खुलवाए जाते थे. इसके एवज में सबको एक निश्चित राशि दी जाती थी. साइबर फ्रॉड के मास्टरमाइंड अरशद आलम और अमजद आलम को मोतिहारी, वहीं अंकित, रोशन और दीपक को दरभंगा और जितेंद्र को मुजफ्फरपुर के साहेबगंज इलाके से गिरफ्तार किया गया. इस गिरोह का महज एक महीने में करोड़ों रुपये के ट्रांजैक्शन की भी बात सामने आई है.
एसएसपी राकेश कुमार ने 15 लाख रुपये के लगभग की राशि को फ्रीज भी कराया है, जो कि इन आरोपियों के द्वारा साइबर ठगी के द्वारा हड़पी गई थी. सभी आरोपी लंबे समय से साइबर फ्रॉड को अंजाम दे रहे थे और समय-समय पर अपने काम करने के तरीकों को बदलते रहते थे. साइबर फ्रॉड के कई तरीके हैं. पिछले एक माह से सभी आरोपी लोगों को फोन करके उनके बेटे या परिजन के गिरफ्तार होने और उन्हें सजा देने की बात कहकर, परिजनों को डरा-धमकाकर पैसे वसूलते थे. तीन दूसरे देशों से भी आरोपियों के संपर्क थे. इंटरनेट के माध्यम से इंटरनेशनल कॉलिंग करवाते थे.’
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