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बिहार के चर्चित IAS Officer पर गिरेगी गाज.

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सिटी पोस्ट लाइव :IAS संजीव  के खिलाफ एक महिला अधिवक्ता से बलात्कार के आरोपों की पुष्टि पटना एसएसपी पहले ही कर चुके हैं लेकिन  कोर्ट के द्वारा  कार्रवाई पर रोक लगाने  के आदेश की वजह से आज तक वो बचे हुए थे. राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व विधायक गुलाब यादव के साथ मिलकर गैंगरेप करने के केस में आरोपित आईएएस संजीव हंस अब बुरे फंस गये हैं. आईएएस संजीव हंस बिहार सरकार में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ बिजली कंपनी के सीएमडी भी हैं.

 

आईएएस संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव कई तरह के काम में साथ-साथ रहे हैं, इसका प्रमाण ताजा जांच से हो गया है. आईएएस संजीव हंस और पूर्व एमएलए गुलाब यादव एक गैंगरेप में भी साझीदार बताए गए थे, जिसकी पटना एसएसपी ने जांच की थी. उस जांच की रिपोर्ट तैयार हो गई है और पीड़ित महिला के आरोपों को पुलिस जांच रिपोर्ट में सही स्वीकार कर लिया गया है. उस मामले की शुरुआत में सिर्फ गुलाब यादव का नाम था, लेकिन बाद में जुर्म के साझीदार के रूप में संजीव हंस का नाम जुड़ा. महिला ने बताया कि 2016 में जब बिहार के अंदर महागठबंधन सरकार थी, गुलाब यादव ने उन्हें राज्य महिला आयोग की सदस्य बनाने का झांसा देकर पटना बुलाया और एक फ्लैट में लाकर बलात्कार किया.

 

 महिला के अनुसार- केस करने की धमकी दी तो गुलाब यादव ने मांग में सिंदूर भर दिया. फिर जब रिश्ता जायज नहीं हुआ तो महिला ने पटना के रूपसपुर थाने में मामला दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया. इसपर, 2021 में गुलाब यादव ने उसे पुणे बुलाया. महिला का आरोप है कि वहां आईएएस संजीव हंस ने भी नशा खिलाकर उसके साथ बलात्कार किया. यह मामला फिलहाल कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट ने सुनवाई के मद्देनजर कार्रवाई पर रोक लगा रखी है, लेकिन अब ईडी की जांच और पटना पुलिस की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की छूट कभी भी मिल सकती है.

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