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पटना: बिहार के चर्चित NEET और बीपीएससी (BPSC) परीक्षा पेपर लीक कांड के मुख्य आरोपी संजीव मुखिया की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की कोर्ट ने संजीव मुखिया के खिलाफ इस्तिहार वारंट जारी कर दिया है। कोर्ट ने यह वारंट दो दिन पहले जारी किया था, जिसके बाद संजीव मुखिया की गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज हो गई है।
इस्तीहार वारंट जारी होने के साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर संजीव मुखिया की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो वह किसी भी समय कुर्की-जप्ती का आदेश भी दे सकती है। गौरतलब है कि संजीव मुखिया पिछले कई महीनों से फरार है, और उसकी तलाश में आर्थिक अपराध इकाई और सीबीआई की टीमें जुटी हुई हैं। इस पेपर लीक कांड में संजीव मुखिया का नाम महत्वपूर्ण है, और अब उसकी गिरफ्तारी से जुड़ी हर एक कार्रवाई के बाद, यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
NEET परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के बाद संजीव मुखिया एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। वह नूरसराय हॉटिकल्चर कॉलेज में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत थे, जहां से छुट्टी का आवेदन देकर वह फरार हो गए। यह माना जा रहा है कि संजीव मुखिया ने कई वर्षों से विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक किए हैं। 2016 में हुई सिपाही भर्ती परीक्षा में पहली बार संजीव मुखिया का नाम सामने आया था। बीपीएससी शिक्षक बहाली पेपर लीक मामले में भी संजीव मुखिया को जेल जाना पड़ा था।
संजीव मुखिया का बेटा, डॉ. शिव, इस समय शिक्षक बहाली पेपर लीक मामले में जेल में बंद है। संजीव मुखिया नालंदा जिले के नगरनौसा गांव के निवासी हैं। उनकी पत्नी, ममता देवी मुखिया, लोजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार थीं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।