सिटी पोस्ट लाइव : बिजली महँगी होने के साथ ही लोगों ने बिजली चोरी शुरू कर दी है.गर्मी में बिजली चोरी रोकने के लिए अब पेसू की टीम ने छापेमारी का समय बदल दिया है. अब दिन में लाइन का मेंटेनेंस और बकाया बिजली बिल वसूली करने, चोरी को रोकने का काम इंजीनियर करेंगे. रात में बिजली चोरी करने वालों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलेगा. इसके लिए पेसू के सभी 13 डिविजन क्षेत्र में 52 टीम गठित करने की तैयारी चल रही है.पेसू पश्चिमी पटना के अधीक्षण अभियंता संजीत कुमार के अनुसार बिजली चोरी को रोकने के लिए सात डिविजनों में 28 टीम का गठन किया गया है. सुबह 4 बजे से होने वाले ट्रायल छापेमारी अभियान के दौरान करीब 100 उपभोक्ताओं को बिजली चोरी करते पकड़ा गया है.
इन उपभोक्ताओं पर करीब 75 लाख रुपए का जुर्माना करने के साथ स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. अब यह अभियान गर्मी के मौसम में लगातार चलेगा. बिजली चोरी पर रोक लगाने के लिए पूर्वी पटना के सभी छह डिविजन में 24 टीम का गठन करने की तैयारी है.शहर में 1 मार्च से अबतक 340 से अधिक उपभोक्ताओं को बिजली चोरी करते पकड़ा गया है. इसमें स्मार्ट प्रीपेड मीटर से छेड़छाड़ करने, प्रीपेड मीटर को टैंपर कर चोरी करने के मामले को उजागर किया गया. इसमें रात में टोंका फंसाकर बिजली चोरी के करीब 100 मामले शामिल हैं.
शहर में पिछले 28 दिनों से बकाया बिजली बिल वसूली का विशेष अभियान चल रहा है. इस दौरान बकाया बिजली बिल जमा नहीं करने वाले करीब 3400 उपभोक्ताओं की बिजली सप्लाई बंद की गई है, ये सभी उपभोक्ता पोस्टपेड हैं. इन उपभोक्ताओं से बकाया बिजली बिल वसूलने के साथ डिस्कनेक्शन और री-कनेक्शन चार्ज की वसूली की जा रही है.रिचार्ज नहीं होने के कारण डिस्कनेक्शन वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं की जांच की जा रही है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर बंद होने के बाद दूसरे माध्यम से बिजली की खपत तो नहीं हो रही है. पेसू क्षेत्र में अब तक करीब 4.50 लाख उपभोक्ताओं के परिसर में प्रीपेड मीटर लगाया गया है.
शहर के करीब 6.50 लाख उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई करने के लिए 8500 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है. इन सभी डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर पर मीटर नहीं होने के कारण बिजली चोरी होने वाले रोड या इलाके को चिह्नित करने में परेशानी हो रही है.इन मीटरों के लगाए जाने के बाद डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर से आपूर्ति की जाने वाली बिजली और मीटर में खपत होने वाली बिजली का हिसाब कर चोरी को पता लगाना आसान हो जाएगा.
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