सिटी पोस्ट लाइव
मुजफ्फरपुर। बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब के कारोबार को लेकर प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसी बीच मुजफ्फरपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस और शराब माफिया के गठजोड़ का खुलासा हुआ है।
घटना मुजफ्फरपुर के बेला थाना क्षेत्र की है, जहां निर्धारित प्रक्रिया के तहत अवैध शराब के विनष्टीकरण (नष्ट करने) की प्रक्रिया चल रही थी। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि धीरनपट्टी इलाके में भारी मात्रा में अवैध शराब की खेप मौजूद है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने मौके पर छापा मारा और शराब जब्त कर ली।

थाने से ही आई थी शराब!
जब पुलिस ने घटनास्थल से पकड़े गए एक व्यक्ति से पूछताछ की, तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ। आरोपी ने बताया कि बरामद शराब कहीं और से नहीं, बल्कि सीधे बेला थाना से लाई गई थी। इस बयान के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शराब विनष्टीकरण प्रक्रिया में शामिल ठेकेदार और थाने में कार्यरत प्राइवेट मुंशी को हिरासत में ले लिया। लापरवाही के आरोप में थानेदार को निलंबित कर दिया गया है।

सीसीटीवी जांच और कठोर कार्रवाई की तैयारी
इस पूरे मामले पर सिटी एसपी विश्वजीत दयाल ने कहा कि पुलिस घटना की गहन जांच कर रही है। दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अब सवाल उठता है कि शराब नष्ट करने की प्रक्रिया मजिस्ट्रेट की निगरानी में होती है और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाती है, फिर यह गड़बड़ी कैसे हुई? क्या इस गठजोड़ में और भी अधिकारी शामिल हैं? पुलिस अब इसकी पूरी पड़ताल कर रही है।
मुजफ्फरपुर में हुए इस मामले ने बिहार की शराबबंदी नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन अब यह जांचने में जुटा है कि इस खेल में और कौन-कौन शामिल है और आगे की कार्रवाई कितनी कड़ी होगी।