पटना DM-SP पर 50 हजार का जुर्माना.
शराबबंदी कानून के दुरुपयोग कर गोदाम मालिक को प्रताड़ित करने पर हाईकोर्ट की कारवाई.
सिटी पोस्ट लाइव : शराबबंदी कानून की आड़ में आम लोगों को शासन प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किये जाने के एक मामले में पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. पटना हाई कोर्ट ने मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित अन्य आला अधिकारियों पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.इनके ऊपर शराबबंदी कानून का दुरुपयोग कर एक गोदाम की मालकिन को प्रताड़ित करने का आरोप है.
न्यायाधीश पीबी बजनथ्री एवं न्यायाधीश अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने सुनीता सिन्हा की रिट याचिका को स्वीकृति देते हुए शुक्रवार को यह आदेश दिया. अर्थदंड की रकम अपर मुख्य सचिव के साथ राज्य के उत्पाद आयुक्त, पटना के डीएम और एसएसपी सहित अन्य अधिकारियों को याचिकाकर्ता को देनी है.कोर्ट ने पाया कि सभी अधिकारियों ने मनमाने तरीके से बगैर किसी सबूत के याचिकाकर्ता को शराबबंदी कानून तोड़ने का आरोपित मानते हुए पटना बाईपास (रामकृष्ण नगर) में स्थित उसके मकान को सील करके उसे राज्यसात करने का आदेश दिया था.
याचिकाकर्ता धनबाद में रहती हैं. 2020 में याचिकाकर्ता के मकान में जो हिस्सा गोदाम के रूप में किराए पर लगा हुआ था, उसमें उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने छापा मारा और पुलिस के साथ सौ मिली लीटर शराब की एक बोतल को जब्त किया था.पुलिस साबित नहीं कर पाई कि उक्त शराब की बरामदगी में याचिकाकर्ता का कोई हाथ था. इसके बाद भी सुनीता के मकान को राज्यसात करने का आदेश पटना के जिलाधिकारी ने दिया.
उन्होंने जब उत्पाद आयुक्त के समक्ष अपील की तो वह खारिज हुई और तो और अपर मुख्य सचिव के समक्ष जब सुनीता ने रिवीजन दायर किया तो शराबबंदी कानून के तहत उसे मकान को राज्यसात से मुक्त करने की एवज में सचिव ने 10 लाख रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया.इसके बाद सुनीता ने हाई कोर्ट के समक्ष जिलाधिकारी, उत्पादन आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव के आदेशों को कानूनी चुनौती दी थी.
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