सिटी पोस्ट लाइव
कसमार । प्रखंड के टांगटोना तथा दुगार्पुर पंचायत में सहयोगिनी संस्था द्वारा ऑनलाइन के माध्यम से साइबर क्राइम पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सहयोगिनी की प्रशिक्षिका प्रतिमा सिंह ने इस दौरान कहा कि साइबर ठग लड़कियों तथा महिलाओं को विशेष कर भावनात्मक जाल में फंसा कर परेशान कर रहे हैं ।साइबर अपराधी निजी जानकारी हासिल कर या कोई झूठे मामले का जिक्र कर ब्लैकमेल करते हैं। साथ ही निजता का हनन करते हुए क्राइम करते हैं।
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि कुछ माह से डिजिटल अरेस्ट के लिए अचानक एक फोन कॉल आता है, जिसमें कॉलर बताता है कि आपने अवैध सामान, ड्रग्स ,अश्लील कार्य, नकली पासपोर्ट आदि भेजा था। आपको यह मिला है या अपने रिसीव किया है। कई बार लोगों को निशाना बनाने के लिए फोन कॉल रिश्तेदारों तथा दोस्तों को भी किया जाता है। साइबर अपराधी के इन तरीकों से सभी को बचाना है । विशेष कर महिलाएं तथा किशोरी सोशल मीडिया तथा स्मार्टफोन का उपयोग सावधानी पूर्वक करें।
यदि किसी को इस तरह का कॉल आता है, या सोशल मीडिया के माध्यम से ब्लैकमेल करने का प्रयास किया जाता है, तो भारत सरकार के साइबर सेल तथा टोल फ्री नंबर 1930 में कॉल करें । स्थानीय पुलिस का जरूर से जरुर मदद ले। इस दौरान सहयोगिनी के समन्वयक प्रकाश कुमार महतो ने बताया कि साइबर अपराध से बचने के लिए जानकारी ही सबसे बड़ा बचाव है । साइबर अपराध के विभिन्न प्रारूप है ,जिसमें साइबर स्टॉकिंग, बाल प्रोनोग्राफी, पासवर्ड ,फिशिंग, फिरौती, ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी, हैकिंग, डिजिटल अरेस्ट जैसे मामले आम हो गए हैं । इस पर ग्रामीण क्षेत्र के लोग ज्यादा ठगे जा रहे हैं।
इसलिए सहयोगिनी के द्वारा कसमार प्रखंड के 30 गांव में महिला हिंसा सहित साइबर क्राइम के खिलाफ महिलाओं तथा लड़कियों के बीच जन जागरूकता का कार्य लगातार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाल प्रोनोग्राफी बहुत ही संगीन मामला है, कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल में बच्चों की अश्लील सामग्री नहीं रख सकता है , ना किसी को दिखा सकता है। यदि इस तरह का मामला आता है तो यह कानूनी अपराध है। कार्यक्रम के दौरान सहयोगिनी की रेखा देवी,संगीता देवी, विनीता देवी आदि उपस्थित थी।