सिटी पोस्ट लाइव : बिहार पुलिस में सिपाही के पदों के लिए लिखित परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) 9 दिसंबर से शुरू हो रही है. लेकिन विज्ञापन जारी होने की तिथि से पहले का एनसीएल और ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट की मांग को लेकर अभ्यर्थी परेशान हैं. उनका कहना है कि सर्टिफिकेट जमा करने का निर्देश दिया गया है जो उनके पास नहीं है. इस वजह से उन्हें पीईटी से वंचित होने का डर है.बिहार पुलिस में सिपाही के 21,391 पदों पर नियुक्ति के लिए नौ दिसंबर से शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) का आयोजन होना है.
यह परीक्षा 10 मार्च 2025 तक शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च विद्यालय (पटना हाई स्कूल) गर्दनीबाग में सुबह सात बजे से आयोजित किया जाएगा. परीक्षा के दिन ही अभ्यर्थियों के दस्तावेज का सत्यापन होगा, इसके लिए अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा.परीक्षा की तिथि में अब चंद दिन शेष हैं. एनसीएल और ईब्लयूएस सर्टिफिकेट को लेकर अभ्यर्थी परेशान हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि पर्षद ने विज्ञापन जारी होने की तिथि से पहले का एनसीएल और ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट जमा करने का निर्देश दिया है.
क्वालीफाई करने वाले अधिसंख्य अभ्यर्थियों के पास पूर्व का सर्टिफिकेट नहीं है. ऐसे में 40 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल नहीं हो पायेगें. शारीरिक दक्षता परीक्षा से वंचित होने के अतिरिक्त उनके पास कोई विकल्प नहीं है. आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी बेहद परेशान हैं. राज्य सरकार को पूरे मामले पर संज्ञान लेने की जरूरत है.लिखित परीक्षा में शामिल होने के लिए 17 लाख 87 हजार 720 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे. लिखित परीक्षा का आयोजन अगस्त 2024 में छह चरणों में सात से 28 अगस्त के बीच किया गया था. इसमें 11,95,101 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. 14 नवंबर को परिणाम जारी किया गया था. चयनित अभ्यर्थियों की संख्या एक लाख सात हजार 79 है, इसमें 67,518 पुरुष एवं 39,550 अभ्यर्थी महिला एवं 11 ट्रांसजेंडर अभ्यर्थी है.
पर्षद की वेबसाइट पर अपलोड कार्यक्रम के अनुसार ही अभ्यर्थी शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल होंगे. प्रत्येक दिन 1600 पुरुष एवं 1400 महिला अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलेगा.अभ्यर्थियों को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होने, गर्भवती नहीं होने, किसी तरह के उत्तेजक, मादक, प्रतिबंधित दवाओं का सेवन नहीं करने का घोषणा पत्र भी देना होगा. परीक्षा में किसी तरह की धांधली को पकड़ने के लिए कई स्तर पर तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जाएगा.