सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मगध क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) नक्सली अपने कैडर को पुनर्जीवित करने की तैयारी कर रहे हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में इसका पर्दाफाश हुआ है.इसी साजिश को विफल करने और माओवादियों के बीच की कड़ी को तलाशने के लिए एनआईए ने गुरुवार को बिहार के पांच जिलों में 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी.एनआईए के अनुसार, छापेमारी का उद्देश्य मगध क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन को पुनर्जीवित और मजबूत करने की सीपीआई (माओवादी) की साजिश को विफल करना था.
औरंगाबाद, रोहतास में आरोपितों और संदिग्ध व्यक्तियों के परिसरों पर छापेमारी की गई. कैमूर, गया और सारण (छपरा) में शीर्ष सीपीआई (माओवादी) कमांडरों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए एनआईए ने छानबीन की. इस दौरान मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एसडी कार्ड और हार्ड डिस्क सहित कई डिजिटल उपकरण, आपत्तिजनक दस्तावेज, दो देसी पिस्टल और तीन लाख 53 हजार रुपये नकद जब्त किए गए हैं.
माओवादियों की साजिश को लेकर गया में दस अगस्त को केस दर्ज किया गया था. इसमें सीपीआई (माओवादी) के पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो के प्रमुख प्रमोद मिश्रा और सब-जोनल कमांडर अनिल यादव पर गया और औरंगाबाद क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को बढ़ाने का आरोप लगा था.एनआईए ने 31 अगस्त को इस मामले को टेकओवर किया. औरंगाबाद में सात अगस्त को रोहित राय और प्रमोद यादव के पास से हथियार और आपत्तिजनक बुकलेट आदि बरामद हुए थे, जिसके बाद एनआईए ने 26 सितंबर को केस दर्ज किया.इन दोनों मामलों की छानबीन में ही माओवादियों की साजिश और हिंसक गतिविधियों से जुड़ी जानकारी मिली थी, जिसके बाद एनआईए ने अग्रेतर कार्रवाई की है.
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