सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के चर्चित और कड़क IAS अधिकारी केके पाठक के खिलाफ दर्ज हत्या के मामले में मुज़फ्फरपुर के जिला न्यायालय में न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है. इस पुराने मुकदमे में केके पाठक पर संगीन आरोप लगे हैं जिसके तहत कोर्ट ने शनिवार को परिवादी का बयान दर्ज किया. मामला करीब डेढ़ साल पुराना है. 23 जनवरी 2022 को जब के के पाठक बिहार में उत्पाद एवम मद्य निषेध विभाग के मुख्य सचिव हुआ करते थे उस दौरान एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग के दौरान मुजफ्फरपुर उत्पाद न्यायालय के स्पेशल पीपी बजरंग प्रसाद सिंह को उन्होंने काफी बुरा भला कह डाला था. मीटिंग अटेंड करने की रात ही बजरंग प्रसाद सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी.
इस घटना के बाद मुजफ्फरपुर के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बजरंग प्रसाद सिंह की मौत की वजह केके पाठक द्वारा प्रताड़ित करना बताते हुए सीजीएम कोर्ट में केस किया था जिसमें केके पाठक और अन्य के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था. शनिवार को कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए परिवादी सुधीर कुमार ओझा का बयान दर्ज किया. इसके साथ ही कोर्ट ने अन्य गवाहों के बयान के लिए 8 नवंबर की तिथि मुकर्रर की है.
केके पाठक वर्तमान में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव हैं और अपने कड़े तेवर के कारण वो फिर इन दिनों सुर्खियों में हैं. शिक्षा विभाग की कमान मिलते ही उनकी भिड़ंत विभाग के मंत्री चंद्रशेखर से काफी लंबे समय तक चली थी जिसे सीएम के हस्तक्षेप से समाप्त कराया गया था.
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