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भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। मकंदपुर में एक युवक ने दो लोगों की हत्या कर दी और कुछ अन्य लोगों को भी डंडे से पीट कर घायल कर दिया है। वहीं आक्रोशित भीड़ ने युवक को भी पीट-पीट कर मार डाला है। घटना शुक्रवार देर रात की बतायी जा रही है। घटना में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गयी, वहीं इलाज के दौरान दूसरे व्यक्ति की जान चली गयी। घटना के बाद से ही मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
ग्रामीणों ने बताया कि युवक मानसिक रोगी था। यदि समय पर उसका इलाज हो गया होता तो आज इतनी बड़ी घटना नहीं घटती। लेकिन युवक के परिजनों की लापरवाही और तथाकथिक समाजसेवियों की अनदेखी से तीन लोगों की जान चली गयी। घटना के बाद गांव में पुलिस कैंप कर रही है। एसएसपी ने बताया कि कई लोग घायल हैं इसलिए मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

क्या है पूरा मामला
भागलपुर जिले के नाथनगर थाना क्षेत्र के मकंदपुर गांव में शुक्रवार देर रात 36 वर्षीय मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक छोटू कुमार ने बबूल के डंडे से हमला कर 68 वर्षीय राजीव राय की मौके पर ही हत्या कर दी। इसी हमले में कई अन्य लोग भी घायल हो गए। इलाज के दौरान 65 वर्षीय जयप्रकाश राम की भी मौत हो गई।
घटना से गुस्साई भीड़ ने हमलावर छोटू को बुरी तरह पीटकर घायल कर दिया, जिससे इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। इस हिंसक घटना में चार अन्य लोग घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है और उसका इलाज पटना के पीएमसीएच में चल रहा है।

गांव में तनाव का माहौल, कैंप कर रही पुलिस
घटना के बाद से गांव में दहशत और आक्रोश का माहौल है। भागलपुर के एसएसपी हृदयकांत ने बताया कि पुलिस मौके पर मौजूद है और गांव में स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कैंप कर रही है। सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच जारी है। हालांकि कई लोगों की हालत गंभीर है इसलिए मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
ग्रामीणों का आरोप और उठते सवाल
ग्रामीणों के अनुसार, छोटू पहले भी मारपीट की घटनाओं में शामिल रहा था। अगर समय रहते उसका मानसिक उपचार कराया गया होता, तो शायद यह घटना टल सकती थी। गांव वालों का कहना है कि समाज में जागरूकता और एकजुटता की कमी के कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।
इस घटना ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है। साथ ही, भीड़ के न्याय और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

समाज को सीख लेने की जरूरत
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है। समाज में मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों के प्रति जागरूकता और सहानुभूति की जरूरत होती है। ज्यादातर मामलों में समय पर इलाज मिलने के साथ-साथ समाज और परिवालों की सहानुभूति मिलने से मानसिक रोगियों की हालत में सुधार देखा जाता है। इस मामले में भी अगर समय पर उपचार और उचित देखभाल की व्यवस्था की जाती, तो ऐसी दुखद घटना से बचा जा सकता था।