महुआ ग्रुप के मालिक से चार दिन तक होगी पूछताछ, कोर्ट ने ईडी को रिमांड की दी मंजूरी

Manisha Kumari

सिटी पोस्ट लाइव

पटना: करोड़ों रुपये के अवैध धन शोधन मामले में शनिवार को ईडी के विशेष न्यायाधीश विपिन बिहारी राय की अदालत ने महुआ ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक जवाहरलाल साह को चार दिनों के लिए ईडी को सौंपने का आदेश दिया। यह मामला 2013 से 2019 के बीच का है। ईडी ने अदालत में आरोपितों से हिरासत में पूछताछ के लिए सात दिनों के रिमांड की मांग की थी, जिसे आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए अदालत ने चार दिन की रिमांड मंजूर की है।

महुआ ग्रुप के मालिक जवाहरलाल साह ने निवेशकों को 4 से 5 साल में उनकी रकम दोगुना करने का झांसा देकर करोड़ों रुपये जुटाए। जब निवेशक समय पूरा होने पर अपनी रकम मांगने लगे, तो आरोपित ने कंपनी बंद कर दी और फरार हो गया। मुजफ्फरपुर में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद अवैध धन शोधन का मामला सामने आया और ईडी ने जांच शुरू की।

वहीं, करीब 50 करोड़ रुपये के अवैध धन शोधन मामले में ईडी ने विशेष न्यायाधीश रूपेश देव की अदालत में एक आवेदन दाखिल किया। इसमें ईडी ने जेल में बंद आरोपित अधिवक्ता विद्यानंद सिंह, परमानंद सिंह और विजय कुमार से पूछताछ के लिए 14 दिनों के पुलिस रिमांड की मांग की है। अदालत ने आवेदन पर नोटिस जारी करते हुए सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तिथि तय की है।
ईडी ने इन तीनों अधिवक्ताओं को 23 जनवरी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।

सीबीआई ने रेलवे दावा अधिकरण पटना पीठ में हुए घोटाले के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें इन तीनों अधिवक्ताओं को आरोपित किया गया है। जांच में यह सामने आया कि इन अधिवक्ताओं ने 2015 से 2017 के बीच रेलवे दावा अधिकरण पटना पीठ के तत्कालीन पीठासीन अधिकारी आर के मित्तल के साथ मिलकर 960 मामलों में मृतक के आश्रितों के नाम पर बैंक खाते खोलवाए और इन खातों में क्षतिपूर्ति राशि ट्रांसफर की। इसके बाद उन्होंने यह राशि अपने और रिश्तेदारों के खातों में स्थानांतरित कर ली और मृतक के आश्रितों को मामूली रकम दी। इन मामलों में करीब 50 करोड़ रुपये की राशि का गड़बड़झाला किया गया।

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