सिटी पोस्ट लाइव : 100 करोड़ रुपये के तथाकथित घोटाले के आरोपी IAS अधिकारी संजीव हंस ने पहलीबार वकील के जरिये अपना बयान जारी किया है.मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे संजीव हंस के वकील डॉ. फारुख ने बयान जारी कर कहा है कि उनके मुवक्किल को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से पता चला है कि ईडी पटना जोनल कार्यालय ने संजीव हंस के खिलाफ अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की है लेकिन अभी तक उन्हें पीसी की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई है.यह काफी अजीब और चौंकाने वाला है.
वकील ने कहा कि लक्षित अपमान और हंस के खिलाफ जानबूझकर नकारात्मक धारणा बनाने के लिए इसकी सामग्री को चुनिंदा रूप से मीडिया में लीक किया गया है. इसमें किसी न किसी की तरह की साजिश की बू आती है.उन्होंने कहा कि संजीव हंस का एक साफ ट्रैक रिकॉर्ड है. उन्होंने बिहार के लिए विभिन्न प्रमुख योजनाओं और प्रमुख परियोजनाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनका बेदाग करियर है. उन्हें कुछ लोगों द्वारा कुछ गुप्त उद्देश्यों और नापाक इरादों के साथ जानबूझकर निशाना बनाया गया है.बकौल वकील, यह उल्लेख करना आवश्यक है कि ईडी द्वारा विभिन्न न्यायालयों तथा न्यायाधिकरण-पीएमएलए के समक्ष जो भी दस्तावेज दाखिल किए गए हैं तथा उनकी प्रतियां संजीव हंस व उनके वकील को उपलब्ध कराई गई हैं, उनके आधार पर यह आसानी से सिद्ध किया जा सकता है कि संजीव हंस ने किसी भी सरकारी कार्य, निविदा में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की है.
उन्होंने कहा, मेरा मुवक्किल बिल्कुल निर्दोष है तथा उसे झूठा फंसाया गया है. मेरे मुवक्किल को देश के प्रतिष्ठित न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है तथा उन्हें आशा है कि न्यायालय से उन्हें न्याय मिलेगा.गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भारतीय सेवा के अधिकारी संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव समेत पांच लोगों के खिलाफ विशेष न्यायालय में करीब बीस हजार पेज का आरोप पत्र दायर किया है.