हेमन्त सोरेन के जवाब पर ईडी के अधिकारी को अपना जवाब देने के लिए हाई कोर्ट ने दिया समय

Rahul K
By Rahul K

सिटी पोस्ट लाइव
रांची ।
हाई कोर्ट में गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के जरिये दायर शिकायत पर ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में दर्ज एफआईआर को सीबीआई सहित अन्य स्वतंत्र एजेंसी को देने का आग्रह करने वाले ईडी की याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में हेमंत सोरेन के जवाब (प्रति शपथ पत्र) पर ईडी के वरिष्ठ अधिकारी देवव्रत झा को अपना प्रतिउत्तर देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी। ईडी की ओर से अधिवक्ता एके दास और सौरभ कुमार ने पैरवी की।

देवव्रत झा की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर आग्रह किया गया है कि इस मामले में गोंदा पुलिस के जरिये ईडी के अधिकारियों को प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है इसलिए इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई सहित अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपा जाए।

यह एफआईआर झारखंड पुलिस के जरिये एससी-एसटी एक्ट के तहत रांची के एससी-एसटी थाना में दर्ज की गई है। यह एफआईआर हेमन्त सोरेन के दिल्ली आवास पर ईडी के जरिये की गई तलाशी के संबंध में एक शिकायत को लेकर की गई है। एफआईआर में ईडी के सीनियर अधिकारियों पर दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास पर की गई तलाशी का आरोप लगाया गया है। इस एफआईआर में ईडी के अतिरिक्त निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा और अनुमान कुमार और अमन पटेल के साथ-साथ अज्ञात अधिकारियों का नाम शामिल हैं।

इसमें हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि उनके दिल्ली आवास पर ईडी का तलाशी अभियान उन्हें और उनके समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के इरादे से चलाया गया। ईडी के अधिकारियों ने मीडिया को इसकी जानकारी लीक की, जिससे जनता की नजर में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हो जाए।

हालांकि पूर्व में ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देने वाली ईडी के अधिकारियों कपिल राज एवं अन्य की याचिका पर हाई कोर्ट ने ईडी के अधिकारियों को गोंदा पुलिस के जरिये 41 ए के तहत दिए गए नोटिस पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि अगले आदेश तक पुलिस ईडी अधिकारियों को 41 ए का नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती है। कोर्ट ने ईडी अधिकारी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक अगले आदेश तक जारी रखा था।

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