बिहार के स्कूलों में फर्जीवाड़े का खुलासा, ऑडियो रिकॉर्ड्स हुआ वायरल

Manshi Sah

सिटी पोस्ट लाइव

गया: शिक्षा विभाग और अपर मुख्य सचिव लाख कोशिशें कर लें, लेकिन बिहार के स्कूलों में फर्जीवाड़े और सेटिंग-गेटिंग का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिहार के स्कूल से चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है, जिससे न केवल अधिकारी, बल्कि आम जनता भी दंग रह जाएगी।

यह मामला गया के शेरघाटी के मध्य विद्यालय चिताव कला का है, जहां शिक्षा व्यवस्था की वास्तविकता कुछ और ही है। स्कूल में अटेंडेंस, मिड-डे मील के पैसे और अन्य रिकॉर्ड्स में किए गए फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है, और अब तकरीबन 200 से ज्यादा बच्चों के नाम पर मिड-डे मील के पैसे हड़पने का मामला सामने आया है।

इस मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब प्रधानाध्यापिका और प्रभारी प्रधानाध्यापिका के बीच का विवाद के दौरान एक ऑडियो के रूप में रिकॉर्ड हो गया। छुट्टी पर गई प्रधानाध्यापिका ने प्रभारी को कहा कि अटेंडेंस की कोई अहमियत नहीं है, “50-60% अटेंडेंस बना दो, बाकी की कोई चिंता नहीं है,” इस पर प्रभारी ने विरोध किया और कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगी। इस विवाद में प्रधानाध्यापिका ने धमकी दी कि अगर ऐसा नहीं किया तो सभी का वेतन बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद सामने आई दूसरी ऑडियो रिकॉर्डिंग में प्रभारी शिक्षक ने अपने निरीक्षण रिपोर्ट में गड़बड़ी की बात की और यह साबित हुआ कि सारे दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया जा रहा था।

एक और ऑडियो में रजिस्टर के खाली पन्नों पर सिग्नेचर करवाने की बात सामने आई। प्रभारी शिक्षक से कहा गया कि “सिग्नेचर करके रिपोर्ट भेज दो, कोई दिक्कत नहीं है, निरीक्षण करने वाले अधिकारी से बात हो चुकी है,” इसने शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े की परत को और उजागर कर दिया।

इस ऑडियो के खुलासे के बाद अपर मुख्य सचिव ने तुरंत कार्रवाई की, जिसमें सबसे पहले प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया गया। प्रभारी निरीक्षण अधिकारी असीम आशीष को पर भी इस मामले को लेकर कार्रवाई किया गया। जबकि शेरघाटी के एमडीएम प्रभारी को भी हटा दिया गया।  इसके अलावा, जिला शिक्षा पदाधिकारी को नोटिस जारी कर पूछा गया कि क्यों इस मामले में अब तक कार्रवाई नहीं की गई।

बता दे कि बिहार में यह ऐसा पहला मामला नहीं है, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में सबूत मिलने के बाद अधिकारियों के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। अब यह देखना होगा कि इस मामले में और क्या कार्रवाई होती है, और शिक्षा व्यवस्था की असलियत सामने आ पाएगी या नहीं।

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