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हर्ष फायरिंग से मौत मामले में फंसे बिहार के पूर्व MLA.

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सिटी पोस्ट लाइव : दिल्ली में हर्ष फायरिंग  के दौरान हुई एक महिला की मौत बिहार के एक नेता के लिए गले की फांस बन गई है.दिल्ली (Delhi) के एक फार्महाउस में 2019 में  नए साल की पूर्व संध्या पर आयोजित पार्टी के दौरान हर्ष फायरिंग की घटना में महिला की मौत के मामले में बिहार (Bihar) के पूर्व विधायक राजू सिंह और उनकी पत्नी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दिल्ली की रॉउज एवन्यू कोर्ट ने इस हर्ष फायरिंग की घटना में बिहार के पूर्व विधायक राजू सिंह, उनकी पत्नी और दो अन्य के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए हैं.

महिला की मौत होने के बाद पुलिस ने एफआईआर में धारा 302 (हत्या) भी जोड़ी, जिसमें अधिकतम सजा-ए-मौत का प्रावधान है. इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने सख्त टिप्पणी की. रॉउज एवन्यू कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को करेगा. कोर्ट अपने आदेश में कहा- नये साल की पार्टी में आरोपी राजू सिंह द्वारा अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से गोली चलाने का कृत्य यह दर्शाता है कि उन्हें इस बात की जानकारी थी कि भीड़ भरी पार्टी में गोली चलाने किसी व्यक्ति की मौत हो सकती है. इसलिए, आरोपी राजू सिह पर प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 304 (भाग-2) और शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत मामला बनता है.


कोर्ट ने राजू सिंह की पत्नी रानू सिंह और उनके सहयोगियों रमेंद्र सिंह और राणा राजेश सिंह के खिलाफ कोर्ट ने सबूत नष्ट करने के आरोप तय करने का भी निर्देश दिया है. राजू सिंह की ओर से पेश वकील ने आरोप तय करने का विरोध करते हुए दलील दी कि अभियोजन पक्ष के पास उनके खिलाफ मामला तय करने के लिए सबूतों का अभाव है. कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धाराओं 201 (सबूत नष्ट करना) और 34 (साझा मंशा) के तहत रामेंद्र सिंह और राणा राजेश सिंह के खिलाफ और आईपीसी की धारा 201 के तहत रेणु सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के लिए प्रथम दृष्टया सामग्री है.

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