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मोकामा: बिहार के मोकामा स्थित नौरंगा जलालपुर गांव में बुधवार को पूर्व विधायक अनंत सिंह के समर्थकों और सोनू-मोनू गैंग के बीच हुई फायरिंग के बाद अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। दोनों पक्षों से दो बड़े आरोपी सरेंडर कर चुके हैं और उन्हें जेल भेज दिया गया है, लेकिन अब इस मामले में एक और एफआईआर दर्ज हुई है। इस बार, सोनू और मोनू के माता-पिता पर एफआईआर दर्ज हुआ है।
इस मामले में शुक्रवार को सोनू-मोनू, उनके पिता प्रमोद सिंह, माता उर्मिला देवी और बाढ़ के दाहौर गांव के दिलीप सिंह सहित 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर अनंत सिंह के समर्थक घायल उदय यादव ने एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें आरोप है कि सोनू और प्रमोद सिंह के पास एके-47 राइफल थी, जिससे गोली चलाई गई, जबकि अन्य आरोपियों के पास पिस्टल थी। यदि उदय सिंह की शिकायत सही साबित होती है, तो प्रमोद सिंह पर वही आरोप लग सकते हैं, जिनकी वजह से अनंत सिंह को सजा हुई थी और उनकी विधायकी भी चली गई थी।
बता दें गौरतलब है कि अनंत सिंह के घर पर छापेमारी के दौरान एके-47 राइफल और बुलेटप्रूफ जैकेट बरामद हुए थे। इस मामले में अदालत ने अनंत सिंह को 10 साल की सजा सुनाई थी। उस समय वे मोकामा से विधायक थे, लेकिन सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता चली गई थी। 2022 में मोकामा सीट पर हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी विधायक बनीं। अनंत सिंह ने इस फैसले को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी और अगस्त 2024 में उन्हें बरी कर दिया गया, जिसके बाद वे करीब छह साल बाद बेउर जेल से रिहा हुए। अब वे इस साल मोकामा से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन नौरंगा जलालपुर गांव में हुई गोलीबारी की घटना ने उनकी चुनावी उम्मीदों को झटका दिया है।
वहीं बुधवार की फायरिंग में सोनू-मोनू गैंग का नाम सामने आया है। सोनू सिंह ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में यह स्वीकार किया कि वह पहले विवेका पहलवान के लिए काम करते थे और अनंत सिंह को अपना आदर्श मानते थे। सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों कभी अनंत सिंह के करीबी सहयोगी रहे थे, लेकिन समय के साथ दोनों के मन में अपने गुरु से आगे बढ़ने की इच्छा जागी और अब वे अपने गुरु को चुनौती देने लगे हैं। अनंत सिंह की परेशानी यही है कि वे नहीं चाहते कि उनके शिष्य उनके सामने उठकर आगे बढ़ें, और इसी वजह से वह हर हाल में सोनू-मोनू को रोकना चाहते हैं। वहीं, सोनू-मोनू भी अपनी जगह पर मजबूती से खड़े हैं और उन्हें रोकने का कोई आसान तरीका नहीं है।