आलोक मेहता के ठिकानों पर पड़ी रेड़ में फर्जी लोन का खुलासा

Manisha Kumari

सिटी पोस्ट लाइव

पटना: बिहार के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक आलोक मेहता के कई ठिकानों पर देर रात से जारी छापेमारी ने सनसनीखेज खुलासा किया है। जांच एजेंसियों को छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण इनपुट और बैंक से जुड़े कागजात मिले हैं, जिनमें लोन घोटाले और फर्जी लोन निकासी के मामले सामने आए हैं। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि बैंक ने फर्जी पहचान पत्रों के जरिए 30 करोड़ से अधिक की निकासी की थी।

दिलचस्प बात यह है कि आलोक मेहता का परिवार इन फर्जी लोन निकासी करने वाली कंपनियों से सीधे जुड़ा हुआ है। बता दें कि आलोक मेहता 1995 से 2012 तक एक प्रमुख बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं, और यह घोटाला उनके कार्यकाल में हुआ था। एजेंसी ने अब तक कई महत्वपूर्ण कागजात बरामद किए हैं, जिनमें से कुछ कागजात बैंक लोन और फर्जीवाड़े से संबंधित हैं। इस घोटाले की गहराई में जाकर अब एजेंसियां जांच की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ा रही हैं। मामले के अंतर्गत कई करोड़ों रुपए के लेनदेन और फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है।

एजेंसियां अब यह साफ करने में जुटी हैं कि यह घोटाला कितने लोगों तक फैला हुआ था और इसमें कौन-कौन से बड़े नाम शामिल हो सकते हैं। पूरे मामले की जांच जारी है, और यह मामला जल्द ही बड़े खुलासे का संकेत दे रहा है। बता दें आलोक मेहता लालू यादव के करीबी सहयोगी है। कल यानी 10 जनवरी को इनके घर पर छापेमारी हुई थी।

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