पटना: नए साल पर पार्टी करने के लिए, बिहार लाई गई करोड़ों की इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट को जब्त कर लिया गया है। बता दें कि नए साल पर पार्टी मे नाइट क्लबों में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की सप्लाई होती है। सीमा शुल्क निवारण विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की सबसे बड़ी खेप जब्त की है। इसकी कीमत तीन करोड़ रुपए बताई जाती है।
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की बरामदगी रक्सौल स्टेशन से की गई है, जहां से इसे रक्सौल से दिल्ली भेजा जा रहा था। सीमा शुल्क निवारण विभाग को यह जानकारी मिली थी। इस इनपुट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
बिहार में यह अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी है। इस मामले में अब जांच की जा रही है इस बड़ी खेप को भेजने वाले कौन लोग हैं और इसे कहां भेजा जा रहा था। पूरा डिटेल लिया जा रहा है। संभावना है कि विदेश से बिहार लाकर बिहार से इसे दिल्ली भेजे जाने की तैयारी थी, जहां नए साल में नाइट क्लब की पार्टियों में इसे सप्लाई किया जाना था।
रक्सौल के अधिकारियों ने रक्सौल से दिल्ली जाने वाली ट्रेन संख्या 15273 सत्याग्रह एक्सप्रेस के ब्रेक वैन से भेजे जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की एक बड़े खेप को जब्त किया है। कुल 6598 पीस ई-सिगरेट जब्त की गई है। इसकी कीमत 7 करोड़ आंकी गई है। ई सिगरेट चायनीज़ हैं।
क्या होती है इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट)
यह एक बैटरी से चलने वाला उपकरण है, जो तरल को गर्म करके एरोसोल बनाता है। इस एरोसोल को सांस में लेने की प्रक्रिया को वेपिंग कहा जाता है। ई-सिगरेट को वेप्स, ई-हुक्का, वेप पेन, टैंक सिस्टम, मॉड, और इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ईएनडीएस) भी कहा जाता है।
ई-सिगरेट में निकोटीन, टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (टीएचसी), कैनाबिनोइड (सीबीडी) तेल, और अन्य पदार्थ हो सकते हैं। ई-सिगरेट में तंबाकू नहीं होता, लेकिन कुछ ब्रांड में निकोटीन होता है। कुछ ई-सिगरेट डिस्पोजेबल होती हैं, जबकि कुछ को फिर से भरा जा सकता है। ई-सिगरेट का इस्तेमाल करने से फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है।