सिटी पोस्ट लाइव
पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के वरिष्ठ नेता और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडेय के ठिकानों पर कल देर रात जारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी अब पूरी हो गई है। पटना के दोनों ठिकानों पर ईडी की टीम ने कार्रवाई की, जिसके दौरान बालू खनन घोटाले से जुड़ी 50 करोड़ रुपये की राशि के दस्तावेज़ बरामद किए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच की जाएगी। ये दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ईडी की कड़ी जांच के घेरे में हैं, और अब ईडी की टीम की नजरें पांडेय के काले धन और अवैध खनन के मामलों पर हैं। हुलास पांडेय, जो कि आदित्य मल्टिकॉन और ब्रॉड्सन कंपनियों में बिजनेस पार्टनर भी हैं, के खिलाफ यह कार्रवाई बालू खनन में गड़बड़ी और अनियमितताओं के आरोपों के बाद की गई है। वह लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के बेहद करीबी सहयोगी माने जाते हैं।
हालांकि, अब तक हुलास पांडेय या उनके किसी प्रतिनिधि ने इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन ईडी की कार्रवाई से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। जहां एक ओर उनके समर्थक पांडेय की निर्दोषिता का दावा कर रहे हैं, वहीं विपक्षी दल इसे भ्रष्टाचार और सत्ता का दुरुपयोग मानते हुए हमलावर हो गए हैं। ईडी द्वारा बरामद किए गए दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की गहरी जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी, जो आने वाले दिनों में राजनीतिक और कानूनी तौर पर और भी दिलचस्प मोड़ ले सकती है।
बता दें पटना के गोला रोड स्थित उनके आवास और बोरिंग रोड इलाके में उनके कार्यालय के अलावा बेंगलुरु स्थित एक अन्य ठिकाने पर भी छापेमारी हुआ था। यह छापेमारी बालू के अवैध खनन के मामले में की जा रही है, जो ब्रॉडसन और आदित्य मल्टीकॉम कंपनी से जुड़ा हुआ है। इस मामले में पहले ही जदयू के पूर्व एमएलसी राधा सेठ और राजद के सुभाष यादव पर बड़ी कार्रवाई हो चुकी है।