ED-CBI के रडार पर लालू-तेजस्वी के करीबी,जानिए अबतक किसके खिलाफ हो चुकी है कार्रवाई.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : RJD (राष्ट्रीय जनता दल) नेताओं की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. लालू और तेजस्वी यादव के करीबी नेता ED-CBI और IT के रडार पर हैं.अब तक लालू परिवार के अलावा उनके खास 9 नेताओं के खिलाफ  ED और CBI की कारवाई हो चुकी है.100 करोड़ से अधिक के बैंक घोटाला मामले में राज्य सरकार के पूर्व मंत्री और RJD विधायक आलोक मेहता पर ED ने शिकंजा कस दिया है. 10 जनवरी को ED की अलग-अलग टीम ने उनके 19 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की.आलोक मेहता पर बैंक लोन से जुड़े मामलों में गड़बड़ी करने का आरोप है. जून 2023 में पांच करोड़ के घोटाले का पता चला था. आरबीआई की रिपोर्ट के बाद हाजीपुर में तीन एफआईआर दर्ज हुई थी.मेहता पर यह कार्रवाई तब हुई जब उनका नाम RJD प्रदेश अध्यक्ष की रेस में है.

मार्च 2024 में सुभाष यादव को ED ने बालू खनन और मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया. ED की टीम ने उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. जेल में रहने के बावजूद 2024 झारखंड विधानसभा चुनाव में उन्हें कोडरमा से पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था. सुभाष यादव बालू के कारोबार से जुड़ी ब्राडसन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं. उन पर आरोप है कि लालू परिवार से जुड़े रिश्तेदारों को फ्लैट और जमीन दिलाने में उनकी अहम भूमिका है.आयकर विभाग ने 2018 में सुभाष यादव के पटना, दिल्ली और धनबाद के ठिकानों पर छापेमारी की थी. उसमें कई कागजात जब्त किए गए थे.

लालू यादव के हनुमान भोला यादव को CBI ने 2022 में गिरफ्तार किया था. इनको केंद्रीय जांच एजेंसी ने लैंड फॉर जॉब स्कैम का मास्टरमाइंड माना है.ये घोटाला 2004-09 के बीच का है, जब लालू यादव UPA-1 में रेल मंत्री थे. भोला यादव उस वक्त उनके OSD थे. कहा जाता है कि कॉलेज में गणित पढ़ाने वाले शिक्षक को लालू प्रसाद ने अपने साथ इसलिए रखा था कि ताकि वो उनका पॉलिटिकल कागजात संभालें.अगस्त 2022 में RJD कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह के घर CBI ने छापेमारी की. रेड लैंड फॉर जॉब स्कैम में मारी गई थी. उनसे लंबी पूछताछ हुई थी. सुनील सिंह बिस्कोमान के चेयरमैन रह चुके हैं. उन्हें RJD ने विधान परिषद का सदस्य बनाया, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ टिप्पणी करने की वजह से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई.

बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले अगस्त 2022 में डॉ. फैयाज अहमद के ठिकानों पर CBI ने छापेमारी की थी. रेड रेलवे में जमीन के बदले नौकरी घोटाले में हुई थी.डॉ. अहमद 2015 और 2020 में RJD से मधुबनी के बिस्फी से विधायक रहे हैं. मधुबनी मेडिकल कॉलेज चलाते हैं. स्कूल, बीएड कॉलेज भी है. आरजेडी ने इन्हें जब राज्यसभा भेजा तब खूब चर्चा में आए थे. इनके ठिकाने पर आय से अधिक संपत्ति को लेकर भी छापेमारी हुई थी. अबू दोजाना को लालू परिवार का खास माना जाता है. मार्च 2023 में ED ने फुलवारी शरीफ स्थित उनके आवास के साथ ही दोजाना के दिल्ली स्थित ठिकाने पर भी छापेमारी की थी. पूर्व विधायक और बिल्डर अबू दोजाना की कंपनी ही पटना में लालू परिवार के मॉल को बनाने का काम कर रही थी.

फरवरी 2024 में राजद विधायक किरण देवी के पति और पूर्व विधायक अरुण यादव के आरा और पटना वाले घर पर ED ने छापा मारा था. इससे पहले CBI ने भी दिल्ली- गुरुग्राम सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. नौकरी के बदले जमीन मामले में छापा पड़ा था.अवैध बालू कारोबार में भी संलिप्तता का आरोप अरुण यादव पर है. ED का आरोप है कि पूर्व विधायक ने अपनी फर्जी कंपनी किरण दुर्गा कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से मां मराचिया देवी कॉम्प्लेक्स में फ्लैट खरीदे थे.ED ने मनी लॉड्रिंग मामले में अरुण यादव की लगभग 25 करोड़ की संपत्ति जब्त की है.अक्टूबर 2022 में CBI ने रेलवे में जमीन के बदले नौकरी मामले में दिल्ली में तेजस्वी यादव के खास संजय यादव से लंबी पूछताछ की थी. CBI की नोटिस के खिलाफ उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में नौती दी थी, लेकिन कोर्ट अदालत ने उन्हें जांच में शामिल होने को कहा.

मार्च 2024 में ED ने बक्सर के ब्रह्मपुर से RJD विधायक शंभूनाथ यादव के ठिकानों पर छापेमारी की. उन पर यह कार्रवाई अवैध बालू खनन मामले में की गई. वे लालू प्रसाद के काफी करीबी माने जाते हैं. लालू प्रसाद जब बिहार के मुख्यमंत्री थे तब शंभूनाथ यादव उनके बॉडीगार्ड थे. लालू प्रसाद के रेल मंत्री बनने पर उन्हें आरजेडी से टिकट मिला और वे विधायक बन गए. तीन बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. उनके पटना, बिहटा स्थित सोनो होटल में भी ED ने छापेमारी की थी.

Share This Article