सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के गोपालगंज में हुए चर्चित स्वर्ण व्यवसायी प्रिंस सोनी हत्याकांड का 24 घंटे के अंदर पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने तीन शार्प शूटर समेत पांच अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार किए गए इन अपराधियों के पास से दो लोडेड देसी कट्टा, छह जिंदा कारतूस, 3 मोबाइल, 400 ग्राम चरस और घटना में प्रयुक्त एक बाइक को बरामद किया गया है.हत्याकांड के खुलासे के बाद पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी को एक बड़ी उपलब्धि मान रही है. गिरफ्तार अपराधियों में मीरगंज थाना क्षेत्र के मटिहानी माधो गांव निवासी ललन सिंह, मोहित राम, छाप गांव के निवासी रवि साह, सिद्धार्थ मांझी और नरैनिया गांव निवासी प्रिंस प्रसाद शामिल है. पुलिस के मुताबिक रवि कुमार और ललन सिंह पर आर्म्स एक्ट के कई अपराधिक मामले दर्ज हैं.
एसपी स्वर्ण प्रभात ने स्वर्ण व्यवसायी प्रिंस सोनी हत्याकांड का खुलासा करते हुए कहा कि हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता नरैनिया का प्रिंस कुमार निकला. जिसने स्वर्ण व्यवसायी प्रिंस सोनी की हत्या करने के लिए तीन शार्प शूटर को हायर किया था. इसके बाद बीते पांच अगस्त को मीरगंज थाना क्षेत्र के जिगना ढाला के पास वारदात को अंजाम दिलाया था.पुलिस ने शूटर के पास से दो लोडेड देसी कट्टा और छह जिंदा कारतूस को बरामद कर लिया है. एसपी ने कहा कि अब तक के जांच में हत्या की मुख्य वजह आपसी विवाद सामने आया है, लेकिन गिरफ्तार सभी अपराधियों को रिमांड पर लेकर फिर से पूछताछ की जाएगी.
घटना से एक दिन पहले पांचों अपराधियों की एक जगह बैठ कर वारदात को अंजाम देने से पहले फूलप्रूफ प्लानिंग की गई थी. इसके बाद पांच अगस्त को मीरगंज थाना क्षेत्र के जिगना ढाला के पास अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.लोगों के आक्रोश को देखते हुए एसपी ने अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हथुआ एसडीपीओ अनुराग कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था और एसआईटी ने छह अगस्त को सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया और हत्याकांड का खुलासा कर दिया.एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि गिरफ्तार शूटर रवि कुमार और ललन सिंह का अपराधिक इतिहास रहा है. रवि कुमार पर मीरगंज थाने में आर्म्स एक्ट के दो मामले दर्ज है. जबकि ललन सिंह पर भी मीरगंज थाने में आर्म्स एक्ट का दो मामला दर्ज है.
अन्य अपराधियों के अपराधिक इतिहास को पुलिस खंगाल रही है. एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि हत्या को लेकर एसआईटी का गठन किया गया था और एसआईटी ने कम समय में बेहतर काम किया है, इसलिए इसमें शामिल पूरी टीम को 10 हजार नकद राशि देकर पुरस्कृत किया गया है.
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