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रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने पुलिस द्वारा जब्त किये गये मादक पदार्थों की सही तरीके से सैंपलिंग नहीं करने, जिससे मादक पदार्थों के अवैध कारोबार से जुड़े आरोपितों को जमानत मिलने और एनडीपीएस केस में आरोपियों की सजा की दर कम होने के मामले में बुधवार को राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता, एटीएस के एसपी ऋषभ झा और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्ट अदालत के समक्ष उपस्थित हुए।
सुनवाई के दौरान अदालत ने डीजीपी को निर्देश दिया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और राज्य सरकार एक स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बनाएं ताकि पुलिस की ओर से जब्त किये गये मादक पदार्थों की सैंपलिंग सही तरीके से हो। इसके साथ मादक पदार्थ के अवैध कारोबार से जुड़े केस में सजा की दर बढ़े और मादक पदार्थ के कारोबारियों को सख्त सजा मिले। डीजीपी ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि अदालत के दिये गये निदेर्शों का पालन किया जायेगा। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तिथि निर्धारित की है।
दरअसल, पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा थाना क्षेत्र में वर्ष 2020 में स्कॉर्पियो से भारी मात्रा में गांजा बरामद किया गया था लेकिन जब्त मादक पदार्थों की सैंपलिंग सही ढंग से नहीं होने पर आरोपितों को जमानत मिल गयी थी। इसे हाई कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए डीजीपी को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था।