सिटी पोस्ट लाइव : Bihar CHO Exam 2024 (सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी) के 4500 पदों के लिए एक दिसंबर को हुई परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने कई बड़े खुलासे किए हैं. EOU ने 12 परीक्षा केंद्रों को सील करते हुए फारेंसिक जांच शुरू कर दी है.जांच टीम के अनुसार सॉल्वर गैंग ने किराए के मकान में 60 कंप्यूटरों वाला वर्क स्टेशन बनाया था. यहां से 1.85 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए हैं.परीक्षा में धांधली का प्रमुख सरगना रवि भूषण नालंदा का रहने वाला है.
आर्थिक अपराध इकाई (EOU) अधिकारियों के अनुसार, अलग-अलग टीमें रविभूषण समेत अन्य फरार आरोपितों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है.आर्थिक अपराध इकाई (EOU)के अनुसार, संगठित गिरोह के प्रमुख सरगना रविभूषण ने पटना के अगमकुआं थाना अंतर्गत भागवत नगर में एक फ्लैट किराए पर लिया था, जिसे साल्वर गैंग के कमांड सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था. यह कमांड सेंटर एक बड़े हालनुमा कमरे में चल रहा था, जहां 60 कंप्यूटरों वाला वर्क स्टेशन बनाया गया था.छापेमारी में प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों का भंडार, कई लैपटॉप, टैब, पेनड्राइव, हार्ड ड्राइव, मोबाइल, एडमिट कार्ड, डुप्लीकेट आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, सर्टिफिकेट और अभ्यर्थियों की सूची बरामद की गई है.
ईओयू के अनुसार, इसी कमांड सेंटर का उपयोग ऑनलाइन परीक्षाओं के प्रश्नों को हल करने के लिए किया जा रहा था. ईओयू ने सीएचओ परीक्षा के लिए बनाए गए सभी 12 ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों को भी सील कर दिया है और फॉरेंसिंक जांच कराई जा रही है.इस मामले में गिरफ्तार 9 परीक्षार्थियों ने पूछताछ में ईओयू को बताया है कि संगठित गिरोह ने दलालों के माध्यम से प्रति छात्र चार से पांच लाख रुपये में परीक्षा पास करने की डील की थी. इसमें कुछ राशि अग्रिम ली गई थी, शेष परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद दी जानी थी.
ईओयू के वैज्ञानिक अनुसंधान में पता चला है कि ऑनलाइन नकल कराने वाले गिरोह ने परीक्षा से एक से दो दिन पहले ही परीक्षार्थियों के कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लिया था.इसके लिए गिरोह ने स्थानीय स्टॉफ की मिलीभगत से प्री प्रोग्राम प्रॉक्सी सर्वर को परीक्षा से एक-दो दिन पहले परीक्षा केंद्रों के होम नेटवर्क से जोड़ दिया था. इसके बाद एमी एडमिन आदि सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर में इंस्टाल कर उसका नियंत्रण हासिल कर लिया गया था.