बिहार पुल निर्माण विभाग में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश, संजीव हंस के ठिकानों पर छापेमारी

Manisha Kumari

सिटी पोस्ट लाइव

पटना: बिहार पुल निर्माण विभाग से जुड़े फर्जीवाड़े के मामले में बड़ी कार्रवाई सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईइी) ने विभाग के पूर्व एमडी और आईएएस अधिकारी संजीव हंस से जुड़े कई आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की है। यह कार्रवाई तीन अलग-अलग लोकेशनों पर की जा रही है, जिनमें पटना और गया स्थित ठिकाने शामिल हैं। 

इस छापेमारी के दौरान, पूर्व जूनियर इंजीनियर सुनील कुमार के आवास और गया स्थित तथागत होटल पर विशेष रूप से कार्रवाई की जा रही है। सुनील कुमार का नाम इस मामले में प्रमुख आरोपी के रूप में सामने आया है। ईइी की टीम ने इन ठिकानों पर दबिश देकर कई अहम दस्तावेजों और साक्ष्यों को जब्त किया है। 

सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी पूर्व अधिकारी संजीव हंस के कनेक्शन को लेकर की जा रही है, जिन पर फर्जीवाड़े और घोटाले में शामिल होने के आरोप हैं। यह मामला बिहार में पुल निर्माण कार्यों में कथित गड़बड़ियों से जुड़ा हुआ है, जिसने प्रदेश में हो रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर दिया है। 

इस छापेमारी को लेकर स्थानीय प्रशासन और आम जनता में कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां कुछ लोग इस कदम को स्वागत योग्य मान रहे हैं, वहीं अन्य का मानना है कि यह केवल शुरुआत है और इसके बाद और भी बड़े नामों का पर्दाफाश हो सकता है। संबंधित विभाग और अधिकारियों पर यह दबाव आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है, क्योंकि ED की छानबीन अब और गहरी हो रही है। एक साथ तीन अलग-अलग जगहों पर हो रही इस छापेमारी से यह साफ है कि ED ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। 

फिलहाल, छापेमारी की कार्रवाई जारी है और आगे और सुरागों की खोज की जा रही है। बिहार के पुल निर्माण विभाग के इस बड़े घोटाले ने राज्य सरकार और प्रशासन को भी गंभीर सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। यह घटना बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अहम मोड़ पर खड़ी है, जहां जांच और कार्रवाई के बाद ही भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खदेड़ा जा सकता है।

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